कश्मीर: पाकिस्तान के झंडे में लिपटा देखा हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव, मुकदमा दर्ज
1 सितंबर को सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के बाद उनके हैदरपोरा स्थित आवास पर रात 10.30 बजे निधन हो गया था, जहां वह साल 2008 से नजरबंद थे.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस वीडियो को संज्ञान में लिया है, जिसमें अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिख रहा है. गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और कथित राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
बडगाम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस उस वक्त वहां मौके पर मौजूद थी. पाकिस्तानी झंडे को देखकर जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी, दिवंगत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया.
सैयद अली शाह गिलानी को 2 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में उनके हैदरपोरा आवास के पास एक स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाया गया था. 92 साल के गिलानी का 1 सितंबर को लंबी बीमारी के बाद उनके हैदरपोरा स्थित आवास पर रात 10.30 बजे निधन हो गया था, जहां वह साल 2008 से नजरबंद थे.
गिलानी के मौत के बाद कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन हाशिये पर
गिलानी की मृत्यु से अलगाववादी खेमे में मायूसी के साथ खालीपन भी हो गया है, जिसका प्रभाव भविष्य में देखने को मिल सकता है. गिलानी ने 2008 में जमात-ए-इस्लामी से नाता तोड़ लिया था, उसके बाद उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत नाम से अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी.
गिलानी की बुधवार को हुई मौत के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुरुवार को कश्मीर में व्यापक प्रतिबंध और मोबाइल टेलीफोन बंद करने का आदेश दिया गया था. हालांकि शुक्रवार देर शाम मोबाइल फोन वॉयस कॉलिंग सेवाएं और ब्रॉडबैंड सुविधा बहाल कर दी गई क्योंकि वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की बुधवार को मौत के बाद स्थिति शांतिपूर्ण रही.
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