GPS Tracker Anklets: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जमानत पर बाहर आए आतंकी आरोपियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस ट्रैकर एंक्लेट (पायल) पेश किया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस अपराधियों की वास्तविक समय में ट्रैकिंग तकनीक का इस्तेमाल करने वाली देश की पहली पुलिस बल बन जाएगी. 


जीपीएस ट्रैकर एंक्लेट एक वियरेबल है, जिसे व्यक्ति के टखने के चारों ओर लगाया जाता है और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. राज्य जांच एजेंसी (SIA) के मुताबिक, इस एंक्लेट का इस्तेमाल जम्मू में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी पर किया गया है. आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.


एसआईए के अधिकारियों ने कहा कि इस डिवाइस को विशेष एनआईए अदालत की ओर से आदेश पारित होने के बाद पेश किया गया था. इसमें पुलिस को एक आतंकवाद के आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया गया था.


गुलाम मोहम्मद भट पर होगा सबसे पहले इस्तेमाल
इस तकनीक के जरिए सबसे पहले हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी फाइनेंसर गुलाम मोहम्मद भट की मॉनिटरिंग की जाएगी. भट के खिलाफ आतंकी वित्तपोषण के आरोप में यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, हालांकि बाद में उसने जमानत के लिए आवेदन किया था और अंतरिम जमानत की सुनवाई के दौरान रिहाई की मांग की थी.


भट को हिज्बुल मुजाहिदीन संचालकों के आदेश पर 2.5 लाख रुपये ले जाने का प्रयास करते समय गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे एक अन्य मामले में एक आतंकवादी संगठन से जुड़े होने और एक आतंकवादी कृत्य की साजिश के लिए दोषी ठहराया गया था.


कोर्ट ने दिया था जीपीएस मॉनिटरिंग एंक्लेट के इस्तेमाल का निर्देश
जम्मू के जोनल पुलिस मुख्यालय (ZPHQ) विभाग के मुताबिक, जीपीएस मॉनिटरिंग एंक्लेट के उपयोग की अनुमति देने वाला आदेश जम्मू कश्मीर के एनआईए कोर्ट ने दिया था. विभाग ने कहा, "अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जम्मू की विशेष एनआईए अदालत ने एक आदेश पारित करते हुए पुलिस को आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर एंक्लेट लगाने का निर्देश दिया था."


इन देशों में होता है इस्तेमाल
गौरतलब है लिए इस डिवाइस का उपयोग पहले से ही अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे पश्चिमी देशों में किया जाता रहा है.


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