श्रीनगर: आत्मघाती हमलावर होने के संदेह में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में ली गई पुणे की रहने वाली लड़की सादिया अनवर शेख से पुलिस की पूछताछ जारी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसके लोकल कॉन्टैक्ट्स की पहचान की जा रही है. वहीं इस लड़की से पूछताछ के लिए एनआईए भी कश्मीर जा सकती है.


जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक सादिया को गुरुवार रात हिरासत में लिया गया था. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान ने बताया है कि हमारे पास संदिग्ध के बारे में जानकारी थी. सभी सुरागों पर काम करने के बाद हम बीती रात उसको पकड़ने में सफल रहे. अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को राज्य पुलिस को सूचना दी थी कि पुणे की लड़की सादिया अनवर शेख कश्मीर घाटी में रहने लगी है और ISIS के सदस्यों के संपर्क में लगातार बनी हुई है.


गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले घाटी में हाई अलर्ट घोषित किया गया था. यह जानकारी साझा की गई कि इसकी पुख्ता जानकारी है कि 18 साल की लड़की कश्मीर में गणतंत्र दिवस परेड के स्थल या उसके पास आत्मघाती विस्फोट कर सकती है. सादिया से पुणे के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 2015 में पूछताछ की थी. तब यह पता चला था कि ISIS के विदेश के समर्थकों के संपर्क में आने के बाद वह कट्टरपंथी बन गई है. उस समय एटीएस ने दावा किया था कि वह सीरिया जाने की योजना बना रही है.


कोई मामला नहीं होने की वजह से मां को सौंपी जा सकती है सादिया


कथित तौर पर कट्टरपंथ की तरफ रुझान रखने वाली पुणे की एक लड़की को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते गुरुवार को पकड़ा था. पुलिस के मुताबिक, ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि वे ISIS में शामिल होना चाहती है. पुलिस ने यह दावा किया कि पिछले साल नवंबर में 18 साल की हुई सादिया अनवर शेख पुणे से जम्मू कश्मीर आ गई थी और बिजबेहरा में एक पेईंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी.


अधिकारियों ने बताया कि लड़की से गहन पूछताछ के दौरान उसका कट्टरपंथ की तरफ रुझान होने का पता चला, लेकिन उसके पीछे सुरक्षा बलों के हाथों कश्मीर के लोगों को कथित रूप से परेशान किए जाने से जुड़ा सोशल मीडिया का दुष्प्रचार जिम्मेदार था. राज्य की पुलिस ने बताया कि उन्होंने लड़की की मां और एक दूसरे संबंधी से संपर्क किया है. आगे बताया गया कि उसे उनके हवाले कर दिया जाएगा क्योंकि उसके खिलाफ घाटी या महाराष्ट्र में कोई मामला दर्ज नहीं है.


हो सकता है खुफिया सूचना को गलत ढंग से समझने का मामला 


दरअसल यह जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा एक खुफिया सूचना को गलत ढंग से समझने का मामला लगता है. केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सूचना दी थी कि पुणे की एक लड़की, जिसे कई मौकों पर पुणे पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने हिरासत में लिया है. वो अपना ठिकाना बदलकर घाटी में आ गई है और उसकी निगरानी किए जाने की जरूरत है.


कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर काम कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर ने लड़की का नाम बताते हुए सभी जिलों को चौकन्ना कर दिया और दावा किया कि वे एक आत्मघाती हमलावर है और गणतंत्र दिवस समारोहों में बाधा डालने की योजना बना रही है.


23 जनवरी को जारी खान के हस्ताक्षर वाले एक नोट में कहा गया कि इस बात की पक्की खबर है कि 18 साल की एक गैर कश्मीरी लड़की कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोह या उसके आसपास आत्मघाती बम विस्फोट कर सकती है. इसे देखते हुए जांच और चौकसी बढ़ाने के आदेश भी दिए गए.


खान ने अपने इस नोट की गंभीरता को देखते हुए कोई ब्यौरा देने से इंकार करते हुए कहा, "हम उससे बात कर रहे हैं और अपनी संबद्ध एजेंसियों के भी संपर्क में हैं. तथ्यों का पता लगाने के लिए तमाम सूचनाओं पर विचार किया जा रहा है."


मां ने कहा- मेरी बेटी निर्दोष


इस बीच लड़की की मां ने बेटी पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि जब तक वह अपनी बेटी से बात नहीं कर लेंगी तब तक सुरक्षा एजेंसियों के दावों को नहीं मानेंगी. जब उनसे पूछा गया कि उनकी बेटी जम्मू-कश्मीर क्यों गई थी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.


उन्होंने कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और किसी ने उसके नाम का गलत इस्तेमाल किया है. उन्होंने दावा किया कि दो दिन पहले उनकी बेटी ने फोन पर उनसे बात की थी और कहा था कि वह ठीक है.