Jammu Kashmir News: आंधी-तूफान के बीच डल झील में फंसे 21 पर्यटक, रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शिकारों पर कार्रवाई तेज
Jammu Kashmir: डल झील में 30 मई को आई आंधी और तेज बारिश की वजह से शिकारे में 21 पर्यटक फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू कर लिया गया है. इसके अलावा पुलिस ने लोगों से झील के अंदर जाने से बचने की सलाह दी है.
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में सोमवार (29 मई) को तेज हवाओं के बीच पुलिस ने 21 पर्यटकों को रेस्क्यू किया. इसके बाद प्रशासन ने डल झील में प्रसिद्ध शिकारा मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. श्रीनगर और आस-पास के क्षेत्रों में तेज हवाओं की वजह से ये लोग डल झील में फंस गए थे.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस घटना के बाद से क्षेत्र के अन्य जल निकायों के अलावा डल और नागिन झीलों में शिकारा नौकाओं के लिए 'लाइफ सेविंग जैकेट' अनिवार्य कर दिया है. पुलिस ने इस संबंध में बुधवार (31 मई) को जारी एक आदेश में कहा कि शिकारा के लिए पहले से जारी दिशा-निर्देशों के तहत लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है. सभी शिकाराओं को हर समय कम से कम तीन लाइफ जैकेट से लैस करना होगा.
रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा रद्द
प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि डल, नागिन झीलों और अन्य जल निकायों में शिकारा की सवारी करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और खराब मौसम की स्थिति या किसी अन्य कारणों से किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कदम उठाया जाए. घटना को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर पर्यटन नीति के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य पर्यटन व्यापार अधिनियम, 1978 के तहत रजिस्ट्रेशन प्रत्येक शिकारा नाव हर समय नाव में अच्छी गुणवत्ता और न्यूनतम तीन लाइफ सेविंग जैकेटों की उपलब्धता बनाए रखेगी. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उक्त अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.
झील में दुर्घटनाओं की बढ़ गई है संभावना
डल झील में केवल 1100 से अधिक शिकारे हैं और सैकड़ों स्थानीय और पर्यटक दिन के किसी भी समय झील में सवारी का आनंद लेते हैं, लेकिन जैसा कि मौसम कार्यालय ने अगले एक सप्ताह तक कश्मीर घाटी में तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना के साथ खराब मौसम की भविष्यवाणी की है. इसकी वजह से झील में दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है.
मेट्रोलॉजिकल श्रीनगर ऑफिस के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुख्तार अहमद ने कहा है कि तेज हवाओं की संभावना को देखते हुए जोखिम वाले सभी क्षेत्रों के लोगों को उचित सावधानी बरतने की जरूरत है. 2 जून के बाद कश्मीर घाटी में मौसम में सुधार होगा.
यह भी पढ़ें.