Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर पुलिस और राज्य जांच एजेंसी ने (SIA) ने बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और गांदेरबल में जमात-ए-इस्लामी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है.
जम्मू-कश्मीर के राजस्व और पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने भी लश्कर-ए-तैयबा के फरार कमांडर अब्दुल राशिद उर्फ ‘जहांगीर’ की संपत्ति शनिवार (17 दिसंबर) को कुर्क कर ली. डोडा के एसएसपी अब्दुल कयूम ने बताया कि डोडा जिले में थाथरी के खानपुरा गांव में चार कनाल से अधिक भूमि को न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर सीआरपीसी धाराओं के तहत कुर्क किया.
पुलिस ने क्या कहा?
डोडा के एसएसपी अब्दुल कयूम ने बताया कि पुलिस उन अन्य स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है, जो पाकिस्तान चले गए हैं और डिजिटल माध्यम या सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए बरगलाने और जिले में आतंकवाद को फिर से बढ़ाने का कोशिश कर रहे हैं.
एसएसपी अब्दुल कयूम ने कहा कि राशिद 1993 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर भाग गया था और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटा था. पाकिस्तान से घुसपैठ करने के बाद वह अन्य कट्टर आतंकवादियों के साथ एक्टिव रहा और जिले में आगजनी और विस्फोट की घटनाओं के अलावा आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर किए गए कई हमलों में शामिल पाया गया.
युवाओं को उकसाया
डोडा के एसएसपी अब्दुल कयूम ने कहा कि इसके अलावा अब्दुल राशिद ने कई स्थानीय युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाया. उन्होंने कहा कि थाथरी के एक अन्य आतंकवादी मोहम्मद अमीन उर्फ ‘खुबैब’ को राशिद ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किया था.
क्या है मामला?
एसएसपी ने अब्दुल कयूम कि अमीन भी वर्तमान में पाकिस्तान से काम कर रहा है और डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में आतंकवाद को फिर से बढ़ाने के प्रयास कर रहा है. उसने हाल के दिनों में आईईडी विस्फोट, ड्रोन गिराने और हथियारों की तस्करी सहित कई आतंकवादी घटनाओं की साजिश रची.
राशिद और अमीन दोनों एक दशक पहले पाकिस्तान भाग गए थे और स्थानीय अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित किया है. अधिकारी ने बताया कि डोडा और जम्मू क्षेत्र के अन्य जिलों के विभिन्न पुलिस थानों में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं.