Jammu Kashmir Politics: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बाद अब पार्टी के प्रति असंतोष जताते हुए दिग्गज नेता कर्ण सिंह ने भी शुक्रवार को कहा कि सबसे पुरानी पार्टी के साथ उनके संबंध लगभग खत्म हो गए हैं. उनके इस बयान ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को हवा दी है. सिंह ने कहा, "मैं 1967 में कांग्रेस में शामिल हुआ था, लेकिन पिछले 8-10 वर्षों से मैं संसद में नहीं हूं. मुझे पार्टी की कार्यसमिति से हटा दिया गया था. हां, मैं कांग्रेस में हूं लेकिन मेरा किसी से कोई संपर्क नहीं है, कोई मुझसे कुछ नहीं पूछता. मैं मेरा अपना काम कर रहा हूं. पार्टी के साथ मेरे संबंध अब लगभग खत्म हो गए हैं."
कर्ण सिंह महाराजा हरि सिंह के पुत्र हैं
जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और उनके अब कांग्रेस छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह की जयंती के मौके पर सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया है. सरकार का कहना है कि अब हर साल इस दिन छुट्टी रहेगी और इस संदर्भ में जल्दी ही आधिकारिक नोटिस जारी किया जाएगा.
पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने छोड़ी थी कांग्रेस
पिछले महीने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. वह 2005 से 2008 तक तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे. सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में, उन्होंने पिछले लगभग नौ वर्षों में पार्टी को चलाने के तरीके को लेकर पार्टी नेतृत्व, विशेषकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था. पांच पन्नों के पत्र में, आजाद ने दावा किया था कि कांग्रेस को अब एक मंडली चलाती है, जबकि सोनिया गांधी सिर्फ "नाममात्र की प्रमुख" हैं. सभी बड़े फैसले राहुल गांधी नहीं, बल्कि उनके सुरक्षा गार्ड और पीए द्वारा लिए जाते हैं.
गुलाम नबी आजाद ने जताया था दुख
आजाद ने कहा था कि पार्टी छोड़ने का उन्हें खेद और अत्यंत दुख हो रहा है. दुखी मन के साथ वे अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं और कांग्रेस के साथ अपने 50 साल के जुड़ाव को तोड़ रहे हैं. वह पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. कांग्रेस के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए आजाद ने कहा था कि पार्टी की स्थिति खराब होती जा रही है. आजाद का सबसे बड़ा कटाक्ष राहुल गांधी पर था और उन्होंने वायंड के सांसद को राहुल गांधी को गैर-गंभीर व्यक्ति और अपरिपक्व नेता कह दिया था..
कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में अपनी पहली जनसभा में आजाद ने अपना खुद का राजनीतिक संगठन शुरू करने की घोषणा की थी जो पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली पर ध्यान केंद्रित करेगा.
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