G20 Meeting In Srinagar: पाकिस्तान के कुछ आतंकी समूहों की ओर से हमलों की धमकियों के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में आगामी G20 बैठक के लिए एक पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है. उपायों में ड्रोन-विरोधी तकनीक, एनएसजी और मरीन कमांडो (मार्कोस) का उपयोग और फिदायीन, ड्रोन, वाहन-जनित आईईडी, स्टैंड-ऑफ और ग्रेनेड हमलों से निपटना और निगरानी करना शामिल है.
श्रीनगर में मंगलवार (2 मई) को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक आयोजित की गई, जहां सुरक्षाबलों के शीर्ष अधिकारियों ने आगामी जी-20 कार्यक्रम के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार की. भारतीय सेना की विशेष इकाइयां सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेंगी. ऊंची जगहों और गलियारे की सुरक्षा की जाएगी.
NSG और MARCOS कमांडो की होगी तैनाती
पहली बार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में एनएसजी कमांडो का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के साथ ड्रोन हमलों, फिदायीन हमलों, आतंकियों से निपटने, वाहन आधारित आईईडी या किसी भी अप्रिय घटना का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा. जबकि MARCOS कमांडो को झील और नदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी क्योंकि शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) डल झील के किनारे है.
समग्र सुरक्षा व्यवस्था पर अधिकारियों ने की चर्चा
सुरक्षा बैठक के दौरान, एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार की अध्यक्षता में पुलिस, खुफिया एजेंसियों, भारतीय सेना और केंद्रीय सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने आगामी जी -20 बैठक के सुरक्षित और सुचारू संचालन के लिए अपनाई जाने वाली समग्र सुरक्षा व्यवस्था के बारे में चर्चा की.
जी-20 शिखर सम्मेलन के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण उपायों को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. सुरक्षाकर्मियों की तैनाती इस तरह से की जाएगी जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को असुविधा न हो.
एसएसपी को दिए गए ये निर्देश
नए सुरक्षा उपायों के अनुसार, सभी जिला एसएसपी को आतंकियों के सहयोगियों को पकड़ने और घाटी में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करके आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने कहा, ''एसएसपी को विशिष्ट इनपुट पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए कहा गया है.''
डल झील को सुरक्षा कवच प्रदान करेंगे मरीन कमांडो
जैसा कि स्थल डल झील स्थित है, शिखर सम्मेलन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नदी और झील पर निगरानी को मजबूत सुरक्षा कवच मरीन कमांडो (MARCOS) प्रदान करेंगे. प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में सुरक्षा उपायों के अलावा शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी गैर सरकारी संगठनों और मीडिया कर्मियों के प्रबंधन पर भी चर्चा हुई.
भारत के इस वर्ष 55 से अधिक स्थानों पर कुल 215 जी-20 बैठकों की मेजबानी करने की उम्मीद है, जिनमें से चार 22-23 मई को कश्मीर समेत पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने पर केंद्रित होंगी.
भारत के लिए अहम अवसर
पाकिस्तान ने श्रीनगर में बैठक को रोकने के लिए सऊदी अरब, तुर्की और चीन जैसे अपने सहयोगियों की पैरवी की थी. श्रीनगर में जी-20 बैठक में लगभग 50 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है जो भारत के लिए कश्मीर घाटी में मानवाधिकारों के उल्लंघन के पाकिस्तान के दावों का खंडन करने का एक अवसर होगा.
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