Jammu Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार (3 जून) को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक स्वयंभू कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद रोधी अभियान रविवार (2 जून) रात पौने 12 बजे शुरू हुआ, जब आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर पुलवामा जिले के निहामा इलाके में एक घर की घेराबंदी की.
सुबह सात बजे से शुरू हुआ मुठभेड़
पुलिस अधिकारी के अनुसार जब आतंकवादियों ने सरेंडर करने से इनकार कर दिया तो दो आतंकवादियों के साथ सोमवार सुबह सात बजे मुठभेड़ शुरू हो गई, जिनकी पहचान रियाज डार उर्फ सथर और रईस डार के रूप में हुई. उन्होंने बताया कि एंटी टेररिज्म ऑपरेशन की निरीक्षण पुलिस उपमहानिरीक्षक (दक्षिण कश्मीर) अल्ताफ खान ने किया और इस दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियात बरता गया कि किसी भी आम नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे या उसकी जान न जाए.
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ढेर
पुलिस के अनुसार सोमवार की दोपहर में गोलीबारी तेज हो गई, जिसके बाद जिस घर में दोनों आतंकवादी छुपे हुए थे, उसमें आग लग गई. दोनों आतंकवादियों के शव बरामद होने के बाद शाम चार बजे अभियान खत्म कर दिया गया. रियाज डार 2014 में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था और उसने मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों अबू दुजाना और अबू इस्माइल के साथ मिलकर घटनाओं को अंजाम दिया था. उसने कई आतंकी गतिविधियों में हिस्सा लिया था.
लाखों का इनामी था दोनों आतंकवादी
रियाज पर 10 लाख रुपये से अधिक का नकद इनाम था, जबकि रईस डार को पर पांच लाख रुपये का नकद इनाम था. सात मई को पुलिस को एक बड़ी सफलता तब मिली थी जब उसने लश्कर-ए-तैयबा के एक छद्म समूह, प्रतिबंधित द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के स्वयंभू कमांडर बासित डार को मार गिराया. वह और एक अन्य आतंकवादी मोमीन कुलगाम के रेडवानी गांव में मुठभेड़ में मारे गए. दोनों आतंकवाद से जुड़े 18 मामलों में शामिल थे, जिनमें अल्पसंख्यकों और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाना शामिल था.
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