Jammu Kashmir Rajouri Encounter: जम्मू कश्मीर के राजौरी में 25 घंटे के ऑपरेशन के बाद सेना की तरफ से एक बड़ा बयान जारी किया गया है. सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा जब हमने मारे गये आतंकियों की पहचान की तो हमें पता चला की यह पाकिस्तानी सेना के रिटार्यड फौजी हैं. 


लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान की कोशिश होती है क्योंकि यहां पर स्थानीय रिक्वायरमेंट नहीं है और वह विदेशी आतंकी यहां लाकर खून खराब फैलाएं और हमारी कोशिश है कि इन विदेशी आतंकियों को खत्म किया जाए. कारी के खतमें के बाद सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है. सबसे बड़ी चीज यह है कि जो वहां की स्थानीय आबादी है उनका भी मनोबल ऊंचा हो गया है और वह जो डर कर रह रहे थे उसे डर से वह लोग बाहर आए हैं और अब और लोग सामने आएंगे.






पाकिस्तानी सेना को हुआ सेटबैक
राजोरी हमले में मारे गए आतंकी कारी के मारे जाने से पाकिस्तान को सेटबैक हुआ है. आतंक का जो इकोसिस्टम राजौरी और पुंछ में चल रहा था और कारी उसका ताना-बाना बुनकर उसके उसको साथ लाना चाहता था. कारी के मरने के साथ ही पाकिस्तान की उसे षड्यंत्र में सेंध पड़ी है. पीर पांचाल में अब भी 20 से 25 आतंकी सक्रिय है और जिस तरह से हमने वहां पर कार्रवाई बढ़ाई है तो 1 साल में हम इन सभी आतंकों को काबू करेंगे.


इन आतंकियों की ट्रेनिंग कई देशों में हो सकता है हुई हो जिनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देश भी हो सकते हैं और यह काफी ट्रेंड विदेशी आतंकवादी थे इसीलिए इनको खत्म करने में समय लगा. राजोरी की मुठभेड़ में शहादत तो हुई है लेकिन लेकिन हमने दो खूंखार आतंकवादियों को खत्म किया है. इन दो आतंकवादियों ने राजोरी के डांगरी में या कंडी में या राजोरी की टीसीपी में निहत्थे नागरिकों की हत्या की थी और इसीलिए इनका खत्म करना बहुत जरूरी था.


शहीदों को दी श्रद्धांजलि
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि सबसे पहले तो मैं उन पांच शूरवीरों की सराहना करना चाहूंगा जिन्होंने अपने प्राणों को निछावर करके सफलता हासिल कराई है. मारे गए दोनों खूंखार आतंकी पिछले 1 साल से कहीं ऐसी घिनौनी हरकतें और किलिंग की थी और हम इन्हें ढूंढ नहीं पा रहे थे और यह छिप रहे थे. इन आतंकवादियों के पास हथियार गोला बारूद की खेप कहीं न कहीं से पहुंच रही थी.


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