Jammu and Kashmir Reservation Amendment Bill: राज्यसभा में सोमवार (11 दिसंबर) को जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पास हो गया. चर्चा के बाद ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान की गई. गृह मंत्री अमित शाह के जवाब से अंसुष्ट विपक्ष के कई सदस्यों ने इस दौरान वॉकआउट कर दिया. 


जम्मू कश्मीर से जुड़े इन दो अहम विधेयकों में कई अहम प्रावधान है. इसमें अनुसूचित जाति (SC),अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को नौकरियों में आरक्षण के साथ ही विधानसभा सीटों की संख्या में वृद्धि के प्रावधान हैं. लोकसभा में ये विधेयकों  पहले ही पारित हो चुके हैं.


अमित  शाह क्या बोले?
गृह मंत्री अमित  शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला विपक्षी दलों की बड़ी हार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का है और उसे हमसे कोई छीन नहीं सकता. 


शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के बरकरार रखे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के संविधान की कोई वैधता नहीं रह गई है. 


विधेयक में क्या प्रावधान है?
जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन करता है. यह एससी, एसटी, अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करता है. 


वहीं, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन करता है. प्रस्तावित विधेयक से विधानसभा सीटों की कुल संख्या बढ़कर 83 से बढकर 90 हो जाएगी. इसमें एससी के लिए 7 सीट और एसटी के लिए 9 सीट आरक्षित हैं. साथ ही उपराज्यपाल कश्मीरी प्रवासी समुदाय से एक महिला सहित दो सदस्यों को विधानसभा में नामांकित कर सकते हैं.


इनपुट भाषा से भी. 


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