Jammu Kashmir: वकील बाबर कादिरी के हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रहने के तीन साल बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हत्यारों के बारे में जानकारी देने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की है. मामला हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस की नव निर्मित राज्य जांच एजेंसी (SIA) को सौंप दिया गया था. 


एजेंसी अब यहां आतंकवाद से संबंधित सभी मामलों की जांच कर रही है. जांच अपने हाथ में लेने के बाद एसआईए ने वकील बाबर कादिरी की हत्या में शामिल व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए जानकारी देने वालों के लिए दस लाख रुपये नकद इनाम देने का एलान किया. 


कैसे वकील बाबर कादिरी की हत्या की गई?
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के वकील बाबर कादरी की 24 सितंबर 2020 को श्रीनगर के हवल इलाके में उनके आवास पर अज्ञात आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. दो नकाबपोश लोग ग्राहक बनकर उनके घर में घुसे और कहने लगे कि वे एक दुर्घटना से संबंधित मामले पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन पिस्तौल निकाल ली. इसके बाद कादिरी के सिर में गोली मार दी. 


जांच में क्या सामने आया?
हत्या के बाद लालबाजार पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 62/2020 यू/एस 302 आईपीसी 7/27 आईएए 13/16/18/20/39 यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. 
एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान दिसंबर 2020 में मामले के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. उनकी पहचान रहमानिया कॉलोनी श्रीनगर के आसिफ भट, खानयार श्रीनगर के शाहिद मीर और नौहट्टा श्रीनगर के निवासी जाहिद खान के रूप में हुई थी.


तीनों से पूछताछ के बाद श्रीनगर केंद्रीय जेल से दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनसी पहचान हटमुल्ला कुपवाड़ा निवासी मुनीर अजीज वार उर्फ कार और श्रीनगर के परिमपोरा के तौसीफ अहमद शाह के रूप में हुईय जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा था कि इन व्यक्तियों ने केंद्रीय जेल के अंदर से आदेश दिया था. 


लश्कर-ए-तैयबा का नाम आया सामने
अगस्त 2022 में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख कमांडर अब्बास शेख, द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) और उनके डिप्टी साकिब मंज़ूर को मार गिराने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पांच संदिग्धों के खिलाफ आरोप दर्ज किए. कश्मीर पुलिस ने ऐलान किया था कि कादरी की हत्या में साकिब मंजूर भी शामिल था.


तीन साल की जांच के बाद भी जम्मू-कश्मीर पुलिस हत्या का आदेश देने वाले लोगों को पकड़ने में विफल रही. तत्कालीन जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एचसीबीए) के चार वकीलों के यहां छापे मारे गए. 


बाबर कादिरी ने हत्या से पहले क्या कहा था?
अपनी मौत से कुछ ही घंटे पहले फेसबुक पर 30 मिनट के वीडियो में कादरी ने मियां कयूम पर तीखा हमला किया था. एचसीबीए के अध्यक्ष ने उन पर असहमति को दबाने और बार एसोसिएशन को अलगाववादी सैयद अली शाह के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट के लिए एक उपकरण में बदलने का आरोप लगाया था.


उन्होंने अपनी जान पर हमले और गंभीर खतरे की आशंका भी जताई थी. अब एसआईए ने मामले में दोबारा जांच शुरू की है.  इनाम के नोटिस के जरिए आम लोगों से मदद मांगी है.  एसआईए ने वादा किया है कि सूचना देने वाले की पहचान बेहद गोपनीय रखी जाएगी. लोगों से किसी भी जानकारी को मोबाइल/व्हाट्सएप/टेलीग्राम/सिग्नल नंबर 9103998467 पर शेयर करने को कहा है. 


ये भी पढ़ें- Reasi Encounter: जम्मू-कश्मीर के रियासी में मुठभेड़, एक आतंकी ढेर, दो जवान जख्मी