Jammu Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस से बागी हुए पूर्व विधायक गांदरबल शेख, पार्टी ने 6 साल के लिए निकाला
Jammu Kashmir: एक समय में अब्दुल्ला परिवार के बेहद खास रहे पूर्व विधायक श्री शेख इश्फाक जब्बार को नेशनल कॉन्फ्रेंस से अनुशासनहीनता के आरोप लगाकर पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया है.
Jammu Kashmir Politics: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मंगलवार (25 अप्रैल) को पूर्व विधायक शेख इश्फाक जब्बार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए बाहर निकाल दिया है. एक जमाने में कभी अब्दुल्ला परिवार के खास रहे इश्फाक पिछले कई महीनों से अपनी पार्टी के खिलाफ आक्रामक होकर फैसले ले रहे थे.
उनको पार्टी से बाहर निकालने की जानकारी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी. उन्होंने कहा, यह आदेश पार्टी महासचिव ने जारी किया है. जेकेएनसी ने ट्वीट किया, शेख इश्फाक जब्बार, पूर्व विधायक इश्फाक को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता को देखते हुए 6 साल के लिए निकाल दिया गया है.
Shri Sheikh Ishfaq Jabbar, Ex MLA R/O Ganderbal has been removed from the basic membership of JKNC for 6 years in view of his anti-Party activities and causing indiscipline. The order has been issued by the General Secretary JKNC.
— JKNC (@JKNC_) April 25, 2023
क्या बोले पार्टी प्रमुख?
इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारुक अब्दुल्ला ने कहा था, पार्टी में ऐसे नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है जो अनुशासनहीनता करने में शामिल हैं और पार्टी के कामकाज को भी प्रभावित करते हैं.
पार्टी से निकालने के पीछे की क्या है वजह?
पार्टी के पंचायत चुनाव के बहिष्कार के आह्वान के बावजूद जब्बार की पत्नी के पंचायत चुनाव लड़ने के बाद इश्फाक जब्बार को पिछले 3 साल से पार्टी की गतिविधियों से बाहर निकाल दिया गया. उनकी पत्नी, नुजहत इश्फाक ने डीडीसी चुनाव जीता और वर्तमान में इश्फाक जिला विकास परिषद की अध्यक्ष हैं.
चुनाव के बाद अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच इश्फाक जब्बार ने नवंबर 2021 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
जम्मू कश्मीर में प्रस्तावित हैं विधानसभा चुनाव
जम्मू कश्मीर में आने वाले कुछ महीनों में चुनाव आयोग कभी भी विधानसभा चुनावों की घोषणा कर सकता है. जिसको लेकर राज्य की सभी सियासी पार्टियां काफी तेजी से अपना संगठन बनाने का काम कर रही हैं. इसको लेकर एक तरफ जहां वह अपने रिमोट वोटर्स को साध रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब सियासी रूप से फायदे मंद नहीं रह गए नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने में जुटे हुए हैं.