Jammu Kashmir: रिकॉर्ड 73 दिनों में खुला श्रीनगर-लेह हाईवे, पहले बर्फबारी के कारण महीनों रहता था बंद
यह सड़क रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यही एकमात्र संपर्क मार्ग है जो श्रीनगर को लद्दाख से जोड़ता है. इसी लिये इस साल इस सड़क को रिकॉर्ड 73 दिन में यातयात के लिए खोल दिया गया है.
सीमा सड़क संगठन (SSB) ने 432 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह हाईवे को शनिवार को महज 73 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया गया है. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राजमार्ग आमतौर पर भारी हिमपात के कारण पांच से छह महीने तक बंद रहता है, जिससे लद्दाख क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट जाता है.
लेकिन सड़क का उद्घाटन अगले दो सप्ताह तक परीक्षण के आधार पर होगा क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में ताजा हिमपात हुआ है. सीमा सड़क संगठन जो सभी रणनीतिक सीमाओं की सड़कों का रखरखाव करता है ने रिकॉर्ड समय में ज़ोजिला दर्रे और अन्य संवेदनशील बिंदुओं पर बर्फ को साफ किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सड़क वाहनों के आवागमन के लिए है.
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है ये सड़क
आपको बता दें कि सड़क रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यही एकमात्र संपर्क मार्ग है जो श्रीनगर को लद्दाख से जोड़ता है. इसी लिये इस साल इस सड़क को रिकॉर्ड 73 दिन में यातयात के लिए खोल दिया गया है. 11650 फीट की ऊंचाई पर बने जोजिला दर्रे पर सब से ज्यादा कठिन परिस्थियों में इन अधिकारियो और मजदूरों ने दिन रात काम करके इस सड़क को परिवहन योग्य बनाया है.
सड़क का खुल जाना लद्दाख में आम लोगों और सेना दोनों के लिए राहत की बात है. क्योंकी अभी आसानी से लद्दाख के लिए खाने पीने का सामान, पेट्रोल और डीजल के साथ साथ सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति हो सकेगी. जोजिला दर्रे पर सड़क को खुला घोषित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एसएसबी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा कि रिकॉर्ड समय में सड़क को खोलने के लिए भी इन कर्मियों ने कड़ी मेहनत की थी.
सैन्य आपूर्ती में मिलेगी मदद
एसएसबी के डीजी ने कहा कि तेल, फल, सब्जियां आदि सहित ताजा रक्षा आपूर्ति भी अब समय पर सैनिकों तक पहुंच जाएगी. सड़क के खुलने से लद्दाख क्षेत्र में सब्जियों, फलों और अन्य वस्तुओं के परिवहन में भी मदद मिलेगी जिससे रुकी हुई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हम इस सड़क के खुलने से अतिरिक्त परिवहन पर खर्च होने वाले सरकार के 400 से 500 करोड़ बचा पाने में सक्षम हुये हैं.
सड़क के खुलने से कारगिल और द्रास में लोगो में खुशी की लहर दौड़ गयी है. द्रास निवासी मोहम्मद अकबर के अनुसार अभी सड़क के खुलने के बाद उनकी नई जिंदगी शुरू हो जाएगी क्योंकि पिछले तीन महीने से उनके यहां हरी सब्जी और अन्य जरूरी सामानों की काफी कमी हो गयी थी.
जोजिला पर भारी बर्फबारी के चलते इस सड़क को आम तौर पर नवंबर महीने में बंद कर दिया जाता है और यह अमूमन १५० दिनों तक बंद रहती है. लेकिन डोकलाम में चीन के साथ तनातनी के चलते पिछले साल 31 दिसंबर तक इस सड़क को खुला रखा गया था. और 7 फरवरी से दोबारा इस सड़क को खोलने का काम शुरू किया गया था.
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