(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jammu Kashmir Paper Leak: सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम के PRO समेत इन अधिकारियों का आया नाम
Sub Inspector Paper: जम्मू-कश्मीर में हुए प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद के पीआरओ सहित सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के कई अधिकारियों के नाम आए हैं.
Probationary Sub Inspector Paper Case: मार्च 2022 में जम्मू-कश्मीर में हुए प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में बड़े-बड़े लोगों के नाम आ रहे हैं. इन नामों में जम्मू-कश्मीर के सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के पूर्व चेयरमैन खालिद जहांगीर, सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के पूर्व कंट्रोलर अशोक कुमार, पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद के पीआरओ रहे विजय कुमार, जम्मू-कश्मीर लाइन में तैनात जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी केडी भगत है. केस के तार हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बेंगलुरु और कर्नाटक तक पहुंच गए है.
सीबीआई के रडार पर जम्मू-कश्मीर ऑन पुलिस में तैनात सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल रमन शर्मा, कांस्टेबल केवल कृष्ण, कांस्टेबल सुनील पंगोत्रा, सीआरपीएफ के कांस्टेबल अमित कुमार शर्मा, पवन शर्मा, सुनील शर्मा और शिक्षक जगदीश कुमार समेत कुछ दलाल भी है. इसके अलावा सीबीआई को हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय कुमार एरन पर भी शक है.
यहां से हुआ प्रश्न पत्र लीक?
सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि प्रश्न पत्र जालंधर स्थित एक प्रेस से लीक हुआ था. शुरुआत में यह प्रश्न पत्र 15 लाख में बेचा गया, लेकिन बाद में इसकी कीमत घटकर 10 हजार रुपये हो गई. इस पूरे मामले में जम्मू-कश्मीर सेवा भर्ती बोर्ड के करीब आठ अधिकारियों समेत 15 लोगों को चिह्नित किया गया है. इनमें एक मीडियाकर्मी के अलावा सीआरपीएफ में कमांडेंट रैंक का सेवानिवृत्त अधिकारी और अखनूर का एक रिटायर्ड कर्मी भी है.
पूरा मामला क्या है?
जम्मू के अखनूर में स्थित एक लाइब्रेरी में पढ़ने वाले 40 उम्मीदवारों के सब इंस्पेक्टर की लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद हंगामा शुरू होने पर अपराध शाखा ने जांच शुरू की. अपराध शाखा सबूत जमा करके एफआईआर दर्ज करने वाली थी कि जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरके गोयल की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने रिपोर्ट सौंपते हुए सीबीआई जांच का आग्रह कर दिया.
जम्मू-कश्मीर पुलिस संगठन में सब इंस्पेक्टर के पदों पर 1200 लोगों की भर्ती के लिए हुई लिखित पेपर में 97 हजार उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे थे. इसी साल जून में चयन सूची में करीब 20 उम्मीदवार सगे भाई या फिर सगे भाई-बहन थे. आरोप यह भी लगे कि 40 उम्मीदवार एक ही क्षेत्र विशेष से सिलेक्ट हुए थे. कुछ आपस में रिश्तेदार भी निकले. लिखित परीक्षा और दूसरी औपचारिकताओं को पूरा करने का काम सेवा भर्ती बोर्ड को सौंपा था. इससे पूर्व पुलिस संगठन में गैर राजपत्रित पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पुलिस का भर्ती बोर्ड ही पूरा करता आया है. इस मामले की जांच सीबीआई ने 3 अगस्त को शुरू कर अब तक 35 लोगों को एफआईआर में नामजद किया है.
यह भी पढ़ें-