Jammu-Kashmir: सुंजवां आतंकी हमले के 24 घंटे के भीतर एक आतंकी गिरफ्तार, पूछताछ में मिले कई अहम सुराग
Jammu-Kashmir News: पुलिस का दावा है कि इस हमले को अंजाम देने का काम आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर घाटी के कोकरनाग के रहने वाले बिलाल को सौंपा था.
Jammu-Kashmir News: जम्मू जिले के सुंजवां इलाके में शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में जम्मू पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. जम्मू पुलिस ने मामले में एक आतंकी को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इस हमले को अंजाम देने का काम आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर घाटी के कोकरनाग के रहने वाले बिलाल को सौंपा था.
जम्मू में शनिवार देर शाम मीडिया से बात करते हुए जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा कि इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एसएसपी ने काफी मशक्कत की और 24 घंटे के अंतराल में जम्मू पुलिस को इस मामले से जुड़े काफी अहम सुराग मिले.
उन्होंने कहा कि इस मामले की टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद जम्मू पुलिस ने शहर के सुंजवां इलाके में रहने वाले शफीक अहमद शेख को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस को बिलाल के भाई आसिफ की भी तलाश है, जबकि उसके मकान मालिक इकबाल को हिरासत में लिया गया है.
जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर वीर के संपर्क में था शफीक
जम्मू पुलिस ने बताया कि शफीक से अब तक हुई पूछताछ में पता चला है कि सीमा पार से जिन भी हैंडलर से वह बात करता था, वह पश्यतु भाषा में बात करते थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस हमले को अंजाम देने वाले जैश के आतंकी अफगानिस्तान सीमा के आस-पास के रहने वाले हैं. शफीक ने पुलिस को पूछताछ में यह भी बताया है कि वह इस हमले से पहले पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर वीर के संपर्क में था. वीर ने ही शफीक को यह आदेश दिया था कि वह इस हमले में शामिल दोनों आतंकियों को जम्मू में किसी बड़े सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठान के पास लेकर जाए, ताकि वह एक बड़े हमले को अंजाम दे सके.
शफीक ने पुलिस को यह भी बताया है कि इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के कोकरनाग के रहने वाले बिलाल अहमद को 20 अप्रैल को जम्मू भेजा था. शफीक ने अभी कबूला है कि वह 20 अप्रैल को ही जम्मू के सांबा के सपवाल गया था, जहां से उसने इस हमले में शामिल दोनों आतंकियों को उठाया था और उन्हें जम्मू लाया था. उसने अपनी पूछताछ में यह भी कबूला है कि वह अगले दिन करीब 1:30 बजे सुंजवां पहुंचे थे.
शफीक ने पागल जमाल के नाम से आईडी बनाई थी
शफीक ने पुलिस को यह भी बताया है कि वह पाकिस्तान में अपने हैंडलर से संपर्क में रहने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल करता था, जिसके लिए उसने पागल जमाल के नाम से एक आईडी बनाई थी. शफीक ने पुलिस के सामने यह भी कबूला है कि वह जिन दो मोबाइल फोन से पाकिस्तान में संपर्क करता था वह दोनों फोन उसने इस हमले में शामिल दोनों आतंकियों को दे दिया था, जिन्हें उन आतंकियों ने बाद में तबाह कर दिया था. पुलिस ने कहा है कि मारे गए दोनों आतंकी सीमा पार करके किस तरह जम्मू पहुंचे, यह फिलहाल तफ्तीश का विषय है. इस मामले में अब तक पुलिस ने शफीक को गिरफ्तार किया है. वहीं, मामले में पुलिस को बिलाल और आसिफ की तलाश है.
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