Jammu Kashmir: करगिल में दो समुदायों के बीच तनाव, महिला के साथ यौन शोषण का है मामला
करगिल में एक महिला की ओर से चिकित्सक पर यौन उत्पीड़न मामले का आरोप लगाए जाने के बाद बौद्ध और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ गया है, हालांकि पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया है.
Jammu Kashmir News: जम्मू-काश्मीर में करगिल के वाखा गांव में एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी का महिला के साथ कथित बलात्कार के बाद कारगिल के शांतिपूर्ण क्षेत्र में मुस्लिम और बौद्ध समुदायों के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. कथित बलात्कार 18 जून को हुआ था और आरोपी को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया गया था लेकिन अब धार्मिक संगठनों ने शीघ्र जांच की मांग करते हुए बंद का आह्वान किया है जिसके कारण करगिल जिले के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें और रेस्तरां पूरे दिन बंद रहे.
करगिल के लोग पुलिस के कुछ पुलिस अधिकारियों पर आरोपी को बचाने की कोशिश करने का आरोप भी लगा है. चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब एक 21 साल की महिला ने खाद्य और आपूर्ति विभाग के एक सेवानिवृत्त चौकीदार, जिसकी पहचान त्सेरिंग वांगडस के रूप में हुई, उसपर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया.
आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज
सरकारी कर्मचारी से सेवानिवृत्ति के बाद आरोपी तिब्बती ज्योतिषियों और आस्था उपचारक की एक श्रेणी "ओनपो" के रूप में काम कर रहा था और महिला अपने सिरदर्द के इलाज के लिए मुलबेक मोहल्ले में उसके घर आई थी.
महिला ने अपने परिवार के साथ कारगिल के वाखा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि जब वह इलाज के लिए उसके पास गई तो आरोपी ने अपने घर का दरवाजा बंद करके अपराध को अंजाम दिया था.
वाखा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर स्टैनजिन पालजोर के मुताबिक यह जघन्य घटना रविवार (18 जून) को हुई जब आरोपी ने पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न किया. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, वहीं आरोपी को बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
करगिल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की, जिसमें 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-बी, 376/511 (बलात्कार करने का प्रयास), और 506 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं.
'कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा विरोध प्रदर्शन'
चूंकि आरोपी बौद्ध समुदाय से है और पीड़ित मुस्लिम समुदाय से है, इसलिए अब इलाके में तनाव बढ़ने लगा है. शनिवार को, शाई धार्मिक संगठन जमीयत उल उलमा इस्ना अशरिया कारगिल ने बंद का आह्वान किया और व्यापारियों, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों और नागरिक समाज ने इसका समर्थन किया.
करगिल के वरिष्ठ समाजसेवी सजद करगिली के अनुसार रविवार को पूरा क्षेत्र बंद रहा क्योंकि कथित बलात्कार के मामले में पुलिस की तरफ से असंवेदनशीलता दिखाई गई और एक हफ्ता गुजरने के बाद भी कोई बयान जारी नहीं किया गया. इसीलिए करगिल के लोगों में गुस्सा भड़क गया हड़ताल की कॉल देनी पड़ी.
जमीयत उल उलमा इस्ना अशरिया कारगिल के अध्यक्ष ने हाल ही में वाखा गांव में हुए बलात्कार के कथित प्रयास मामले पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करने के लिए जिला पुलिस की आलोचना की. जमीयत उल उलमा के अध्यक्ष शेख नज़ीर महदी मोहम्मदी ने कहा कि अगर पुलिस गंभीर प्रकृति के इस मामले पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती है, तो वे कारगिल जिले भर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे.
आरोपी को 9 दिनों की पुलिस रिमांड में लिया गया
पुलिस ने गुस्साए निवासियों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि वाखा मामले में निष्पक्ष जांच चल रही है, जहां एक लड़की (नाम नहीं बताया गया) के परिवार ने एक व्यक्ति की ओर से कथित तौर पर शारीरिक छेड़छाड़ की शिकायत की है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कारगिल अनायत अली चौधरी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और शुरुआती चरण में है और आरोपी को नौ दिनों की पुलिस रिमांड में लिया गया है.
एसएसपी ने कहा, "वाखा घटना की जांच चल रही है और बहुत ही पेशेवर तरीके से की जा रही है. एक संवेदनशील मामला होने के कारण पुलिस को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी ताकि जांच में बाधा न आए और पीड़ित लड़की को कोई असुविधा न हो." पुलिस का कहना है कि उन्हें कुछ सबूत मिले हैं जिनमें आरोपी को कुछ धाराओं के तहत अपराध का दोषी पाया गया है.
एसएसपी ने अफवाहों से बचने का आग्रह किया
हालांकि एसएसपी कारगिल अनायत अली चौधरी ने कारगिल के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया और कहा कि आरोपियों को सजा दिला के मामले को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. एसएसपी ने मामले के बारे में अफवाहें और गलत सूचना फैलाने वालों और कारगिल में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को भी चेतावनी दी और कहा कि उनसे कानून के तहत सख्ती से निपटा जाएगा.
पुलिस की धमकी के बावजूद, छेड़छाड़ और बलात्कार के प्रयास की कथित घटना के खिलाफ आक्रोश और पीड़ा के कारण कारगिल शहर रविवार को पूर्ण रूप से बंद रहा और उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए अनदेखी की सूरत में आंदोलन को तेज कर सड़कों पर आने की धमकी भी दे रहे है.
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