नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में एनआईए आज कोर्ट में तीसरा आरोप पत्र पेश करेगी. इस आरोप पत्र में पाकिस्तान से लेकर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के जरिए हुई आतंकी फंडिंग का पूरा खुलासा होगा. ये आरोप पत्र दुखतराने मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी समेत यासीन मलिक, मसर्रत आलम, इंजीनियर रशीद और शब्बीर अहमद शाह के खिलाफ दायर होगा.


एनआईए की गिरफ्त में हैं पांचों आरोपी


आरोप पत्र में खुलासा हुआ है कि किस तरह से हाफिज सईद के जरिए इन लोगों को पैसे मिले. आरोप पत्र में इन पांचों की भूमिका को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है और यह भी बताया गया है कि किस तरह से इनके पास आतंक का फंड पाकिस्तान के जरिए आया. इन पांचों को फिलहाल एनआईए ने गिरफ्तार किया हुआ है.


हाफिज सईद की पत्नियों से फोन पर संपर्क में रहती थीं आसिया अंद्राबी


आरोप पत्र में यह भी खुलासा किया गया है कि आसिया अंद्राबी हाफिज सईद और उनकी दोनों पत्नियों उम्मी तला और नूर जहां से भी फोन पर संपर्क में रहती थीं. इतना ही नहीं आशिया अपने दोनों बेटों को जो पैसा भेजती थी, वह पैसा आतंक के नाम पर जकात के जरिए इकट्टा किया जाता था. आरोप यह भी है कि जो पैसा भेजा गया, उसमें हाफिज सईद का दिया हुआ पैसा भी शामिल था. सूत्रों के मुताबिक आज दायर होने वाले आरोप पत्र में यूपीए के नए कानून के तहत इन पांचो पर धाराएं लगाई गई हैं.


क्या है टेरर फंडिग का मामला?

एनआईए पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से भारत में रुपए की फंडिंग को लेकर जांच कर रही है. एफआईएफ का संबंध हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है.एनआईए के मुताबिक, विदेशों में एफआईएफ सदस्यों से दिल्ली में कई लोगों ने पैसे लिए और इन पैसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि के लिए किया गया.


यह भी पढ़ें-


प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने पर रोक लगी , गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगेगा 50000 रुपए का जुर्माना

रिपोर्ट: जानिए- आज भी भारत में कुपोषण से कितने बच्चे काल के गाल में समा जाते हैं


जानिए- सिखों के लिए करतारपुर गुरुद्वारा साहिब की क्या है धार्मिक अहमीयत?


क्या बैंक डूबता है तो जमा पैसों से भी आप धो बैठेंगे हाथ? जानिए कई जरूरी सवालों के जवाब