Jammu Kashmir Terrorism Incidents: जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार के गठन होने के बाद से ही हिंसा में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अक्टूबर महीने के दौरान आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में उछाल आया है. इन घटनाओं में 19 लोगों की जानें गई हैं. जिसमें में आठ नागरिक, तीन घुसपैठिए, तीन सैनिक, दो सेना के पोर्टर और तीन आतंकवादी शामिल हैं.
मारे गए नागरिकों में एक स्थानीय कश्मीरी था, दो जम्मू के थे और पांच जम्मू-कश्मीर के बाहर के निवासी थे. इसके अलावा, इन घटनाओं के दौरान तीन सैनिक घायल भी हुए.
दो मुठभेड़ों में तीन घुसपैठिए मारे गए
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर की शुरुआत किश्तवाड़ के छात्रू इलाके में संयुक्त बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ से हुई. बारामुला जिले के कमालकोट उरी और उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में दो मुठभेड़ों में तीन घुसपैठिए मारे गए. वहीं, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में आतंकवादियों ने शांगस कोकरनाग के कज़वन क्षेत्र से अनंतनाग के एक प्रादेशिक सेना के जवान हिलाल अहमद भट को अगवा कर लिया था और बाद में उसकी हत्या कर दी.
आतंकवादियों ने मलहोरा में भी किया था हमला
दक्षिण कश्मीर के शोपियां के वंदना मलहोरा इलाके में बिहार के एक मजदूर अशोक चौहान की हत्या के एक दिन बाद ही आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के गगनगीर इलाके में 6 मजदूरों और एक डॉक्टर सहित सात लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पीड़ितों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बडगाम के नादिगाम के डॉ. शाहनवाज कादिर डार, जम्मू के अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, शशि अबरोल और बिहार के मोहम्मद हनीफ और मोहम्मद कलीम के रूप में हुई है.
सितंबर में 3 सैनिक समेत 14 लोगों की हुई थी मौत
बारामुला जिले के गुलमर्ग के बोटापथरी इलाके में आतंकवादी हमले में दो सैनिक और दो सेना के जवान शहीद हो गए. जम्मू के अखनूर के बट्टल इलाके में शिवसन मंदिर के पास सेना की एंबुलेंस पर हमला करने के बाद सीमा पार से आए तीन आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए. गौरतलब है कि सितंबर में 3 सैनिक, 2 घुसपैठिए, 8 आतंकवादी और एक पुलिसकर्मी समेत 14 लोगों की मौत हुई थी.