Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार (21 दिसंबर) को भारी हथियारों से लैस आतंकियों की ओर से घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला किए जाने पर चार जवान शहीद हो गए और दो तीन घायल गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि जवानों को घेरा और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सूरनकोट पुलिस थाने के अंतर्गत धेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर एक अंधे मोड़ पर अपराह्न करीब 3.45 बजे हमला हुआ. पाकिस्तानी आतंकी संगठन की एक शाखा ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
किस जगह पर हुआ हमला?
एएनआई के मुताबिक, हमला राजौरी सेक्टर के थानामंडी इलाके में हुआ. आतंकी हमले के बाद जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना के जवानों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की है. जवान बुधवार (20 दिसंबर) शाम से इलाके में चल रहे आतंकियों के खिलाफ संयुक्त अभियान को मजबूत करने जा रहे थे. ऑपरेशन 48 राष्ट्रीय राइफल्स क्षेत्र में हो रहे हैं.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन की शाखा ने ली हमले की जिम्मेदारी
पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है.
हमले के बारे में रक्षा प्रवक्ता ने दी ये जानकारी
जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि आतंकियों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर बुधवार रात पुंछ जिले के थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में धेरा की गली के सामान्य इलाके में एक साझा तलाशी अभियान शुरू किया गया था.
उन्होंने कहा कि जैसे ही अतिरिक्त बल घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, आतंकियों ने सेना के वाहनों- एक ट्रक और एक जिप्सी पर गोलीबारी की. रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने हमले का तुरंत जवाब दिया.
अधिकारियों ने बताया कि जारी ऑपरेशन में चार जवान शहीद हो गए और तीन घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऑपरेशन जारी है और आगे की जानकारी का पता लगाया जा रहा है.
'हो सकता है कि सैनिकों के हथियार ले गए हों आतंकी'
अधिकारियों ने सैनिकों के आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि आतंकवादी लक्षित सैनिकों के हथियार लेकर चले गए हैं.
पिछले महीने पांच जवान हुए थे शहीद
घात लगाकर किया गया यह हमला पास के राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में एक बड़ी गोलीबारी के कुछ हफ्ते बाद हुआ. पिछले महीने दो कैप्टन समेत सेना के पांच जवानों शहीद हो गए थे. नवंबर में दो दिन चली मुठभेड़ में लश्कर का एक शीर्ष कमांडर क्वारी और उसका एक सहयोगी मारा गया था. क्वारी 10 नागरिकों और पांच सेना कर्मियों की हत्या समेत कई हमलों का मास्टरमाइंड था.
राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे.
मई में आतंकियों के खिलाफ अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और एक प्रमुख रैंक के अधिकारी घायल हो गए थे. अभियान में एक विदेशी आतंकी भी मारा गया था.
'सीमा पार से आतंकवाद का हताश प्रयास'
अधिकारियों ने कहा कि हिंसा में वृद्धि क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए सीमा पार से किया जा रहा हताश प्रयास है. उन्होंने बताया कि इस साल, राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में मुठभेड़ों की एक सीरीज देखी गई, जिसमें अब तक 19 सुरक्षाकर्मियों और 28 आतंकवादियों समेत 54 लोग मारे गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर आतंकी सीमा के इस पार घुसने का प्रयास करते समय मारे गए.
बता दें कि पुंछ में हुए हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती ने कड़ी निंदा की है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने X हैंडल से एक पोस्ट में कहा, जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए कायराना आतंकी हमले में हमारे जवानों की शहादत की खबर बहुत दुखद है. भारत की रक्षा में उनका यह सर्वोच्च बलिदान देश सदा याद रखेगा. इस कठिन समय में शहीदों के शोकाकुल परिवारों को मेरी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.''
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