Jammu Kashmir Terrorists: ट्रक में गोला-बारूद लादकर कश्मीर दहलाने चले थे आतंकी, बड़ी साजिश नाकाम होने के बाद दिल्ली में हुई अहम बैठक
Jammu Kashmir Terrorists: हाल ही में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी और नवंबर में नरवाल बाईपास में एक तेल टैंकर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी हुई थी.
Jammu Kashmir Terrorists: जम्मू-कश्मीर में 26 जनवरी से पहले पूरी तरह से अलर्ट जारी किया गया है, जिसके तहत सड़कों पर भारी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं और वाहनों की सख्त चेकिंग चल रही है. इसी दौरान सुरक्षाबलों को जम्मू के सिधरा इलाके में बड़ी कामयाबी हाथ लगी. जहां भारी संख्या में गोला-बारूद लेकर चल रहे चार आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. इस बड़े एनकाउंटर के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली में भी हलचल शुरू हो गई और गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे पर अहम बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में रॉ, एनआईए चीफ और एलजी समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे. बताया गया कि बैठक में घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अहम चर्चा हुई.
घाटी को दहलाने की साजिश में आतंकी?
हाल ही में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी और नवंबर में नरवाल बाईपास में एक तेल टैंकर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी हुई थी. इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सेना के जवानों ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी. नए साल और गणतंत्र दिवस के मौके पर आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं, इसे लेकर घुसपैठ कर पाकिस्तान से गोला-बारूद कश्मीर में लाया जाता है.
इसी अलर्ट के तहत जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबल वाहनों की सख्त चेकिंग कर रहे थे, तभी सिधरा बाईपास इलाके में तवी पुल के पास घने कोहरे के बीच एक ट्रक को रोका गया, जिसमें आतंकवादी सवार थे. जैसे ही जवानों ने ट्रक को रोका, उसमें सवार आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान चारों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, वहीं ट्रक चालक मौके से फरार हो गया.
कश्मीर की तरफ जा रहे थे आतंकी
इस मुठभेड़ को लेकर जानकारी देते हुए सेना के अधिकारियों ने बताया, “ट्रक से चार आतंकवादियों के शव बरामद किए गए हैं. मारे गए आतंकवादियों के पास से सात एके राइफल, एक एम4 राइफल, तीन पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है. पाकिस्तान से घुसपैठ के बाद आतंकवादी एक ट्रक में सवार हो कश्मीर की तरफ जा रहे थे.’’ पुलिस के अधिकारियों ने इसे गणतंत्र दिवस से पहले एक बड़ी कामयाबी बताया. अधिकारियों ने कहा, “26 जनवरी के जश्न से पहले (बरामदगी के बाद) सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल हम सभी एक साथ हाई अलर्ट पर हैं. सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है और (सुरक्षा) शिविरों को भी अधिक सुरक्षित किया गया है. यही वजह है कि हम उनकी साजिश को नाकाम करने में सफल रहे.”
अमित शाह की अध्यक्षता में बड़ी बैठक
सेना के अलर्ट और आतंकियों को मार गिराए जाने के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की. हालांकि बैठक पहले से निर्धारित थी. इसमें शाह ने केंद्रशासित प्रदेश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों से निपटने एवं शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की. बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मंत्रालय, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया. अधिकारियों ने कहा कि हालिया महीनों में जम्मू-कश्मीर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई हैं जिनमें मासूम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले और सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें शामिल हैं.
दहशत में कश्मीरी पंडित
इस महीने की शुरुआत में, ऐसी खबरें थीं कि एक आतंकवादी समूह ने 56 कर्मचारियों की 'हिट लिस्ट' जारी की थी और उसके बाद घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य दहशत में थे. लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े एक ब्लॉग ने 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की लिस्ट जारी की, जिन्हें प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किया गया था. बता दें कि आतंकवादियों की तरफ से की जा रही टारगेट किलिंग के बाद, घाटी में काम कनरे वाले कई कश्मीरी पंडित जम्मू चले गए हैं और ट्रांसफर किए जाने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
सरकार ने पिछले दिनों संसद में जानकारी देते हुए बताया था कि 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद जुलाई 2022 तक जम्मू कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए हैं. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.
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