Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में आतंकवादियों ने गुरुवार को कश्मीरी पंडित समुदाय से संबंध रखने वाले एक सरकारी कर्मचारी की उसके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी. आज उनका जम्मू में अंतिम संस्कार किया गया. उनकी हत्या को लेकर जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं.
वहीं राहुल के पिता बिट्टाजी भट्ट ने ABP से किए खास बातचीत में बताया कि घटना से ठीक आठ दिन पहले राहुल अपने चाचा को देखने घर आए थे. लेकिन गुरुवार को अचानक उन्हें किसी काम के लिए वापस बुला लिया गया. कश्मीर में कश्मीरी पंडितो को टारगेट किया जा रहा है, इस सवाल पर नम आंखों के साथ राहुल के पिता ने कहा कि आतंकी ने मारने से पहले मेरे बेटे के नाम की पुष्टि की थी. इससे ज्यादा क्या ही कह सकते हैं. उस वक्त वहां चार लोग मौजूद थे लेकिन नाम के कारण ही मेरे बेटे को मार दिया गया.
पिता बिट्टाजी भट्ट ने कहा कि राहुल साल 2010 से नौकरी कर रहा था. इस बीच दो तीन जगह उनकी पोस्टिंग भी हुई लेकिन कभी किसी तरह का वाद विवाद सुनने को नहीं मिला. उन्होंने बताया कि लोग राहुल को पसंद करते थे. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे बेटे को न्याय मिलेगा. मृतक के परिवार ने कहा कि जबत क राहुल को गोली मारनेवाले आतंकी को फांसी नहीं हो जाती या वो सुरक्षाबलों की गोली से नहीं मारे जाते तब तक मन को तसल्ली नहीं होगी.
क्या है मामला
दरअसल गुरुवार को दो बंदूकधारी चदूरा इलाके में स्थित तहसील कार्यालय में दाखिल हुए और लिपिक राहुल भट को गोली मार दी. मृतक भट की तैनाती प्रवासियों के लिए शुरू विशेष रोजगार पैकेज के तहत की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि भट बडगाम के शेखपुरा स्थित प्रवासी कॉलोनी में रहते थे. उन्होंने बताया कि गोली मारे जाने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई.
इस मामले पर कश्मीर जोन की पुलिस ने ट्वीट किया करते हुए कहा कि घायल को तत्काल श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. शुरुआती जांच के अनुसार इस जघन्य अपराध में दो आतंकवादी संलिप्त हैं और उन्होंने अपराध को अंजाम देने के लिए पिस्तौल का इस्तेमाल किया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया है.