Mata Kheer Bhawani: कश्मीर घाटी में अमन चैन बिगाड़ने की कोशिश करने वालों जी-20 सम्मेलन के सफल आयोजन से तगड़ा धक्का लगा है. सम्मेलन की सफलता के बाद अब कश्मीरी पंडितों ने अपनी इष्ट देवी माता खीर भवानी के मेले के लिए खासा उत्साह दिखाया है.


पिछले साल टारगेटेड किलिंग के चलते कश्मीरी पंडितों ने इस मेले से दूरी बनाई थी लेकिन इस बार मेले में शामिल होने के लिए हजारों कश्मीरी पंडित जम्मू से श्रीनगर के लिए जा रहे हैं. माता के जयकारे लगाते और नाचते गाते श्रद्धालु रविवार (28 मई) को कश्मीर घाटी में होने वाले माता खीर भवानी के मेले में शामिल होने के लिए जम्मू से रवाना हुए हैं.


जी-20 से लौटा भरोसा 


कश्मीर के गांदेरबल जिले में माता खीर भवानी का मंदिर है जो कश्मीरी पंडितों की इष्ट देवी भी हैं. इस मेले को लेकर कश्मीरी पंडितों में खासा उत्साह रहता है लेकिन पिछले साल कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के चलते कश्मीरी पंडितों में डर था जिसके चलते संगठनों ने इस मेले से दूरी बनाई थी. 


घाटी में कश्मीरी पंडितों पर हमलों के बाद डर के चलते बीते साल काफी कम संख्या में श्रद्धालु माता खीर भवानी मंदिर श्रीनगर पहुंचे थे लेकिन इस साल कश्मीर घाटी में हाल ही में संपन्न हुए जी-20 सम्मेलन की सफलता के बाद कश्मीरी पंडितों में भरोसा लौटा है. मेले में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या इसका सबूत है.


श्रद्धालुओं का जत्था रवाना


शुक्रवार (26 मई) को जम्मू से हजारों कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर घाटी का रुख किया. इन सभी को कड़ी सुरक्षा में जम्मू से श्रीनगर भेजा गया. जम्मू के कमिश्नर रमेश कुमार के मुताबिक कश्मीर घाटी में लगातार हो रहे विकास और और वहां लौट रहे अमन-चैन के बीच कश्मीरी पंडित अपने इष्ट देवी के मेले में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस बार कश्मीरी पंडित इस मेले को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं उससे साफ हो रहा है कि कश्मीर विकास और शांति के पथ पर है.


यह भी पढ़ें


New Parliament Building: क्या पीएम मोदी को ही करना चाहिए नई संसद का उद्घाटन? बवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई