अवैध वसूली मामले में बीजेपी से जुड़े सरपंच समेत तीन गिरफ्तार, गिरोह का एक सदस्य अभी भी फरार
घटना को अंजाम देने के लिए मेहराज और सलीम वाणी नकली हथियार लाये थे और पूरी वारदात के पीछे वसूली की मंशा थी. इन लोगों ने पहले मुदासीर को अपहरण करके उससे गाड़ी, पैसे और मोबाइल लिए थे.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने उत्तरी कश्मीर के सोपोर से तीन लोगों को अवैध वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगो में बीजेपी से जुड़ा एक सरपंच भी है, जो इस पूरी वारदात का मुख्य आरोपी है. पुलिस के अनुसार गिरोह का एक और सदस्य अभी फरार है, जिसकी तलाश में छापेमारी जारी है.
पुलिस के मुताबिक 3-4 अप्रैल की रात को सोपोर के पंजिनारा के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई और शिकायत में कहा कि उसके दामाद का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया है. मुदासीर अहमद नाम के इस व्यक्ति को हथियार लिए कुछ व्यक्तियों ने उसके सुसराल से ज़बरदस्ती उठा लिया और उसको दक्षिण कश्मीर में अपनी गाडी में छोड़ने को कहा.
पहले तो घर वालों को लगा कि हथियारबंद लोग आतंकी हैं, लेकिन कुछ देर बाद उनका भ्रम टूटा जब मुदासीर वापस लौटा. हथियारबंद लोगों ने उसकी गाड़ी, मोबाइल और पैसे ले लिए और किसी को वारदात के बारे में जानकारी ना देने की धमकी भी दी.
लेकिन परिवार ने पुलिस की मदद ली और इस घटना को लेकर मामला दर्ज करवा दिया. पुलिस की तफ्तीश शुरू हुई तो कुछ सबूत सामने आए, जिसके आधार पर पुलिस ने मेहराजउद्दीन नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया. मेहराज सोपोर के करणकशिवान का रहने वाला है और बीजेपी का पंच भी है.
पुलिस की थोड़ी सख्ती पर मेहराज ने पूरा मामला बता दिया. मेहराज के अनुसार उसने कुछ और लोगों मोहम्मद सलीम वाणी, बशीर अहमद लोन और मोहम्मद दिलावर के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. मेहराज दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले में रहता है और सरपंच है. पुलिस ने दबिश देकर दो और लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया, जबकि सलीम अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
घटना को अंजाम देने के लिए मेहराज और सलीम वाणी नकली हथियार लाये थे और पूरी वारदात के पीछे वसूली की मंशा थी. इन लोगों ने पहले मुदासीर को अपहरण करके उससे गाड़ी, पैसे और मोबाइल लिए थे और इसी को आधार बनाते हुए आने वाले दिनों में मुदासीर को आतंकी समर्थक बताकर और वसूली करने का मंसूबा था.
लेकिन इससे पहले कि यह लोग घटना को अंजाम दे पाते पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस इस मामले में और कुछ लोगों के शामिल होने का भी शक जाता रही है. लेकिन मामले ने कश्मीर में आतंकवाद के नाम पर आम लोगों को लूटने के इस खेल पर से पर्दा उठाया है. अभी पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इस गिरोह ने कुछ और लोगों को तो नहीं लूटा.