Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियां लगातार कॉम्बिंंग कर रही हैं. पूरे इलाके में स्पेशल फोर्स की तैनाती कर दी गई है. साथ ही पूरे इलाके में स्पेशल फोर्स की भी तैनाती कर दी गई है. इन दो आतंकियों में सुरक्षा एजेंसियों ने दो आतंकियों को गिरफ्तार कर रखा है तो वहीं दो आतंकियों को घेर लिया है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार (14 सितंबर 2023) को बताया कि उसने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है. अनंतनाग में एक दिन पहले मुठभेड़ में सुरक्षा बल के तीन अधिकारी शहीद हो गए थे. कश्मीर जोन पुलिस ने ट्विटर पर बताया, 'कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट, जिन्होंने इस अभियान के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी, उनकी अटल वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं.
आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. यह जम्मू कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की नई इकाई है और यह पाकिस्तान द्वारा वित्तपोषित है. जहां पर सेना के तीन अफसरों की मौत हुई है वहां पर सुरक्ष एजेंसियों को भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं.
द रेजिस्टेंस फ्रंट जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की भारत में एक ईकाई है. अगस्त 2019 में 370 हटने के बाद पाकिस्तान की मदद से लश्कर ए तैयबा ने इस आतंकी संगठन को जम्मू कश्मीर में लॉन्च किया.
2020 में शुरू किया संगठन ने अपना खूनी खेल
सबसे पहले इसे ऑनलाइन माध्यम से प्रमोट किया गया उसके बाद वादी में पहले से ही मौजूद तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद सहित विभिन्न संगठनों ने घाटी में इसका नेटवर्क बनाने में मदद की. 2020 से ही इस आतंकी संगठन ने जम्मू कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों, वहां रोजगार की तलाश में गए भारत के अन्य राज्यों के श्रमिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था.