Weather Update: जम्मू कश्मीर में प्रचंड गर्मी से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. ऐसे में भीषण गर्मी के चलते लोग काफी परेशान है. इसके साथ ही तापमान लगातार नए रिकार्ड बना रहा है. जहां पिछले एक हफ्ते से कश्मीर घाटी में गर्मी और बारिश न होने से परेशानियां बड़ा दी हैं. वहीं, पहाड़ों में पड़ने वाली गर्मी के चलते पहाड़ों में ग्लेशियर के पिघलने में तेजी आई है, जिससे नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है.


ऐसे में मौसम विभाग की तरफ से इस गर्मी के बाद होने वाली बारिशों से होने वाली बाढ़ और भूस्खलन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के प्रमुख डॉ मुख़्तार अहमद ने बताया कि पिछले कई सालों में ग्लोबल वार्मिंग के चलते तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि अगर तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी होती है तो हवा में नमी की मात्रा 7 प्रतिशत तक जाती है, जिससे बाढ़ आने का कारण बना रहता है.


कश्मीर में प्रचंड गर्मी ने तोड़ा 25 सालों का रिकार्ड


डॉ मुख़्तार ने कहा कि आगामी 5 जुलाई से जम्मू कश्मीर में बारिश होगी, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी. लेकिन इससे पहाड़ी नालों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं भी हो सकती हैं. फिलहाल कश्मीर घाटी, हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में होने के बावजूद भीषण हीट वेव से जूझ रहा है. जहां श्रीनगर में बुधवार को अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेलिस्यस दर्ज किया गया. जिसने 25 साल का रिकार्ड तोड़ दिया. यह तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा है. जिसके चलते भीषण गर्मी की इस मार से कश्मीर में आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग काफी परेशान हैं.


पहाड़ी राज्यों में गर्मी का प्रकोप कम नहीं


इस बीच दिल्ली से कश्मीर घूमने आए पर्यटकों का कहना है कि यहां भी गर्मी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है. डल झील की सफाई का काम करने वाले गुलाम रसूल और ज़मीर हुसैन भी परेशान हैं. क्योंकि, भीषण गर्मी में झील के बीच बिना किसी छांव के काम करने से स्वास्थ्य से जुडी कई समस्याएं भी होने लगी हैं. साथ ही ज्यादा गर्मी से झील का पानी भी खराब होने लगा है. ऐसे में झील के अंदर मछलियों के मरने तक की नौबत आने लगी है.


24 घंटे में कश्मीर घाटी में बारिश की संभावना-डॉ मुख़्तार


हालांकि, मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ मुख़्तार ने कहा कि अगले 24 घंटे में कश्मीर घाटी में बारिश की पूरी संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि आज भी जम्मू के कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई है और 5 जुलाई से कश्मीर में भी बारिश होने का अनुमान है, जिससे गर्मी से रहत मिल जाएगी. ग्लोबल वार्मिंग को लेकर डॉ मुख्तार ने कहा कि भारी बारिश से बचनें के लिए बाढ़ और लैंडस्लैड से निपटने की तयारी भी करनी होगी. 


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