Jammu: कश्मीर घाटी में इस महीने होने वाली जी-20 बैठक से पहले जम्मू में कश्मीरी पंडित समाज ने घाटी में अपने पुनर्वास को लेकर प्रदर्शन किया. विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी होती है कि वो विदेशों से आए मेहमानों का स्वागत स्वयं कश्मीर घाटी में रहकर करते. 


कश्मीर घाटी में अपने पुनर्वास को लेकर प्रदर्शन कर रहे यह कश्मीर घाटी से 30 साल पहले विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित हैं. पिछले 3 दशकों से आतंकवाद के चलते विस्थापन का दर्द झेल रहे उन कश्मीरी पंडितों ने जम्मू में गुरुवार को प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों ने दावा किया कि ये पहला मौका है जब देश और विदेश से कई मेहमान इतने बड़े मंच पर कश्मीर घाटी में आएंगे. 


प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों ने कहा कि...


इसी महीने 22 से 24 तारीख तक होने वाले जी-20 सम्मेलन की बैठक का स्वागत करते हुए प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी होती है कि वो भी अगर कश्मीर घाटी में रह रहे होते तो वो विदेश से आए इन मेहमानों का स्वागत बाहें पसार कर करते. 


जी-20 की बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए इन कश्मीरी पंडितों ने कहा कि ये एक बड़ा मौका है जब केंद्र सरकार जहां एक ओर कश्मीर में शांति और विकास का संदेश दे रही है. वहीं इसी मौके का फायदा उठाकर केंद्र सरकार को कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर एक बड़ा ऐलान करना चाहिए. 


विश्व में कश्मीर में शांति और प्रगति की...


इन विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बैठक के बाद जहां विश्व में कश्मीर में शांति और प्रगति की चर्चाएं होंगी वहीं इन्हीं चर्चाओं के बीच कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी में पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार भी कोई बड़ा कदम उठाएगी.


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