जम्मू: कश्मीरी पंडित संस्थाओं ने विस्थापन के 31 साल पूरे होने पर मनाया काला दिवस, यूएन दफ्तर का किया घेराव
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद की मार झेलने के बावजूद कश्मीरी पंडित के बच्चों ने कभी बंदूक नहीं उठाई, बल्कि कलम उठा कर अपने भविष्य को संवारा.
जम्मू: जम्मू में कश्मीरी पंडित संस्थाओं ने आज विस्थापन के अपने 31 साल पूरे होने पर काला दिवस मनाया. कश्मीरी पंडितों ने इस मौके पर जम्मू में यूएन दफ्तर का घेराव कर वहां प्रदर्शन किया. 19 जनवरी 1990 के काले दिन को याद करते हुए जम्मू में कश्मीरी पंडित संगठनों ने मंगलवार को अपने विस्थापन के 31 साल पूरे होने पर काला दिवस मनाया.
काली पट्टियां बांधकर कश्मीरी पंडित संस्थाओं ने स्कूटर मार्च निकाला और उसके बाद जम्मू के यूएन के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि 19 जनवरी 1990 का वह काला दिन अभी भी उन्हें याद है, जब उन्हें पाकिस्तानी समर्थित आतंकवाद के चलते अपने घर को छोड़कर भागना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद की मार झेलने के बावजूद कश्मीरी पंडित के बच्चों ने कभी बंदूक नहीं उठाई, बल्कि कलम उठा कर अपने भविष्य को संवारा. इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज का आरोप है कि कश्मीर से हुए इस विस्थापन को यूएन अभी भी हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा.
उन्होंने कहा कि जब 31 साल के लंबे इंतजार के बाद भी इतनी बड़ी संस्था कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को मान नहीं रही तो ऐसे में उनका विश्वास ऐसी बड़ी संस्थाओं से खत्म हो रहा है. प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों ने मांग की कि वह अपनी मातृभूमि कश्मीर वापस जाना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए सरकार न केवल उनकी नौकरी बल्कि सुरक्षा के ठोस कदम उठाए.
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