जम्मू बार एसोसिएशन के 4000 से ज्यादा वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, रजिस्ट्री कराने के अधिकार के मुद्दे पर हैं नाराज़
दस्तावेज़ों की रजिस्ट्री करने का अधिकार अदालतों से छीन कर राजस्व विभाग को देने और हाईकोर्ट परिसर को नयी जगह ले जाने के विरोध में जम्मू बार एसोसिएशन से जुड़े 4000 से अधिक वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है.
जम्मूः जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनते ही जम्मू बार एसोसिएशन से जुड़े 4000 से अधिक वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. वकील दस्तावेज़ों की रजिस्ट्री करने का अधिकार अदालतों से छीन कर राजस्व विभाग को देने और हाईकोर्ट परिसर को नयी जगह ले जाने का विरोध कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू के वकील शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
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दरअसल जम्मू कश्मीर में दस्तावेज़ों की रजिस्ट्री के लिए जम्मू एंड कश्मीर रजिस्ट्रेशन एक्ट होता था जिसमे राज्य सरकार को यह अधिकार था कि वो जिसे चाहे उसे दस्तावेज़ों की रजिस्ट्री का अधिकार दे सकती थी और राज्य सरकार ने चीफ जस्टिस को रजिस्ट्री करने के लिए नियुक्त किया. यह अधिकार मिलने के बाद चीफ जस्टिस ने ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट को दस्तावेज़ों की रजिस्ट्री के अधिकार दिए, और यह प्रथा जम्मू कश्मीर में 70 वर्षो से चली आ रही थी.
वकीलों का दावा है जो भी दस्तावेज़ रजिस्टर होते हैं चाहे वो सेल डीड, गिफ्ट डीड, मोर्टगेज डीड और लीज़ डीड हो उनमें कई कानूनी पेचीदगियां हैं जिनमे ट्रांसफर ऑफ़ प्रॉपर्टी एक्ट या रजिस्ट्रेशन एक्ट होता है. क्योंकि वकील और जज दोनों कानून पढ़े होते है ऐसे में इन दस्तावेज़ों को लेकर बाद में कोई मुकदमेबाज़ी नहीं होती थी. साथ ही जम्मू में करीब 600 वकील ऐसे हैं जो सिर्फ यह रजिस्ट्री करते हैं. साथ ही वकीलों का दावा है की जज के सामने रजिस्ट्री होने से रिश्वतखोरी और धोखेबाज़ी से काफी हद तक निजाद मिलती थी.
लेकिन, अब जम्मू कश्मीर में केंद्रीय एक्ट लागू हो गया है, जिसमें केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो किसी को भी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ रजिस्ट्रार नियुक्त करे. वकीलों का आरोप है कि एक कमिश्नर सेक्रेटरी ने हाल ही में आदेश निकाल कर रजिस्ट्री का यह अधिकार अदालतों से छीन कर राजस्व विभाग को दिया. वकीलों के मुताबिक इस आदेश में फाइनेंशियल कमिश्नर को यह अधिकार दिए और आगे एसडीएम या असिस्टेंट कमिश्नर को सब रजिस्ट्रार नियुक्त किया. वकीलों के मुताबिक यह दोनों कानून के जानकार नहीं हैं और जब वो दस्तावेज़ बनाएंगे तो उससे अदालतों में मामले बढ़ेंगे.
इसके साथ ही वकील 25 साल पहले ही बने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट परिसर को नयी जगह शिफ्ट करने का विरोध कर रहे है. वकीलों के मुताबिक अगर करोड़ो रुपयों से 25 साल पहले ही बना हाई कोर्ट परिसर ठीक नहीं बना तो उन लोगो को सजा दी जानी चाहिए जिन्होंने यह परिसर गलत बनाया. गौरतलब है कि सोमवार को जम्मू कश्मीर का शीतकालीन दरबार जम्मू में खुल रहा है जिसके बाद हड़ताली वकील अपना प्रदर्शन उग्र करने की बात कह रहे हैं.