जम्मू: देश में लगतार गिरते एयर क्वालिटी इंडेक्स का असर अब बड़े शहरों के बाद छोटे शहरों की तरफ भी होने लगा है. इन हालातों के बीच अब जम्मू नगर निगम ने एक बड़ा आदेश जारी किया है. इसके मुताबिक शहर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल से खाना बनाने वाले ढाबों, रेस्टोरेंट्स और भोजनालय को एलपीजी गैस से खाना बनाने की सलाह दी गई है.
जम्मू नगर निगम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 2000 की धारा 302 और 303 के तहत शहर के सभी ढाबा, रेस्टोरेंट्स और भोजनालयों के खिलाफ यह कार्यवाही अगले 15 दिनों में करेगा. गौरतलब है कि जम्मू शहर में करीब 500 ढाबे, 200 रेस्टोरेंट्स और 300 भोजनालय हैं. सभी को नोटिस भेजा गया है.
दरअसल, जम्मू नगर निगम शहर में लगातार गिरते एयर क्वालिटी इंडेक्स से परेशान है. निगम ने यह कार्यवाही क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देशों के बाद की है. जुर्माने और सीलिंग की प्रक्रिया से पहले निगम ने सभी ढाबा, रेस्टोरेंट मालिकों को 15 दिन का समय दिया है.
इस तय समय में सभी ढाबा, रेस्टोरेंट्स और होटल मालिको को खाना बनाने के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा गया है. वहीं, नगर निगम में ऐसे सभी ढाबों, रेस्टोरेंट्स की सूची बनानी शुरू कर दी है जो कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल खाना बनाने में करते हैं.
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 18 अगस्त 2018 के आदेशों पर जम्मू-श्रीनगर नगर निगम को अपने शहरों में प्रदूषण को रोकने के लिए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी बनाने के आदेश दिए थे. इस कमेटी ने 10 दिसंबर को जम्मू व श्रीनगर नगर निगम को आदेश दिए थे कि वह शहर में ढाबों, रेस्टोरेंट और भोजनालय में रसोई एलपीजी और अन्य खाना बनाने के साधनों की शुरुआत करवाएं.
जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी 11 मार्च 2019 को आदेश जारी किया था. वहीं, ढाबा मालिको का कहना है कि तंदूर लड़की और कोयले से ही जलाए जाते है और अगर नगर निगम इनको बंद करने का फैसला लेती है तो उसे तंदूर जलाने का विकल्प भी देना होगा.
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