जम्मू: नगरोटा एनकाउंटर पर बड़ा खुलासा हुआ है. नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों का सीधे पाकिस्तानी सेना से कनेक्शन होने का पर्दाफाश हुआ है. पाकिस्तानी सेना ने ही आतंकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराई थी. एबीपी सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने पाकिस्तान के शकरगढ़ से जम्मू में घुसपैठ किया था. शकरगढ़ वह इलाका है जहां पाकिस्तानी रेंजर्स का मुख्यालय है.


सेना का मुख्यालय जिस इलाके में होता है वहां कड़ी चौकसी होती है, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात होते हैं. इसलिए ये बात पुख्ता है कि चारों आतंकियों की घुसपैठ का सुरक्षित रास्ता पाकिस्तानी रेंजर्स ने ही चुना था. इसलिए ये आतंकी भारतीय सेना की नजर से बचने में कामयाब हुए.


पाकिस्तानी रेंजर्स और आतंकियों की मिलीभगत की बात हथियारों के जखीरे से भी साबित होती है. आतंकियों को इतनी बड़ी संख्या में हथियार कोई सेना ही मुहिया करा सकती है. इन हथियारों के जखीरे में 6 एके-56, 5 एके-47, एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, तीन पिस्टल, 30 चीइनीज बम, 120 बारूद बरामद किया गया. ये जम्मू ऐसा पहला वाक्या था कि इतनी बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए. ये सभी हथियार कोई सेना ही इस्तेमाल करती है.


दवाओं पर उर्दू में लिखे थे नाम
हथियारों के अलावा आतंकियों के पास से कुछ दवाएं भी मिली हैं. इन दवाओं के नाम उर्दू में लिखे हैं. हिन्दुस्तान में मिलने वाली दवाओं का नाम उर्दू में नहीं लिखा होता. इससे भी ये साफ होता है कि आतंकी पाकिस्तान से ही आए थे.


पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद इमरान सरकार ने अभी से ही पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया है. दुनिया को जवाब न देना पड़े, इसलिए पाकिस्तान ने मारे गए आतंकियों को कश्मीरी बताना शुरू कर दिया है. पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसा ही पैतरा इस्तेमाल किया था. हमेशा की तरह पाकिस्तान ने एनकाउंटर को फर्जी बताया है. लेकिन सच ये है कि एनकाउंटर से पहले सुरक्षाबलों ने आतंकियों को सरेंडर करने का मौका दिया था. लेकिन आतंकियों ने सरेंडर करने की बजाए सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी मारे गए.


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