जम्मू: विदेश यात्रा कर वापस जम्मू-कश्मीर लौटे या हाल ही में तब्लीगी जमात में शामिल होकर वापस लौटे लोगों की पहचान करने और उन तक पहुंचने के लिए अब आतंकियों को खोजने वाली तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी अब इस काम को अंजाम दे रहा है.


केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. इस वायरस के बढ़ते खतरे के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए उन लोगों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन गया है जो लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री या तब्लीगी जमात में शामिल होने की बात छिपा रहे हैं.


ऐसे लोगों तक पहुंचने के लिए पुलिस अब उसी तकनीक का सहारा ले रही है जिस तकनीक के सहारे पुलिस प्रदेश में आतंकियों तक पहुंचती है. प्रदेश की पुलिस खुफिया विभाग के साथ मिलकर आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक तरीकों को मिलाकर इन लोगों तक पहुंच रही है और अब तक पुलिस हजार से अधिक ऐसे लोगों तक पहुंचने में सफल रही है.


इस ऑपरेशन को 'we care' का नाम दिया गया है. इसमें पुलिस अपने खबरियों के नेटवर्क, पंच, सरपंचों, बीडीसी सदस्यों समेत अपने खुफिया विभाग की मदद लेकर ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटी है. इसके साथ ही पुलिस पासपोर्ट और इमीग्रेशन कार्यालयों के जरिए उन लोगों को स्कैन कर रही है जो विदेश यात्रा कर वापस लौटे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में सभी फील्ड यूनिटों को भी इस काम मे लगाया गया है.


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