जम्मू: सीआरपीएफ ने अमरनाथ यात्रा के दौरान स्टिकी बम को बड़ा खतरा मानते हुए निपटने की तैयारी की बात कही है. इसके लिए उसने अमरनाथ की यात्रा में अपनी क्विक रिएक्शन टीम की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. सीआरपीएफ के आई जी पीएस रंपिसे ने अमरनाथ यात्रा की चुनौतियों पर बड़ा बयान दिया.


अमरनाथ यात्रा में स्टिकी बम से निपटने की चुनौती


उन्होंने कहा कि स्टिकी बम से निपटना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि ये बम सुरक्षा बलों के साथ आम जनता को भी बहुत नुक्सान पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने अपने सभी यूनिट्स और फॉर्मेशन्स को एलर्ट कर दिया है. सीआरपीएफ का दावा है कि खतरे के प्रति सावधान रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने आशंका जताई कि बम को टाइमर से सेट कर आम वाहन या सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर चिपकाने का नतीजा बहुत घातक हो सकता है. उन्होंने चेताया कि अमरनाथ यात्रा का काफिला भी आतंकियों के निशाने पर है. लिहाजा, उसे कम से कम जगहों पर रोकने का प्रयास किया जाएगा.


सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की पुलिस के साथ बैठक 


आई जी पीएस रंपिसे ने गैर निर्धारित जगहों पर बिल्कुल नहीं रुकने की सलाह दी है. पीएस रंपिसे के मुताबिक, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों की तैनाती को पहले से ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा. यात्रा की सुरक्षा को सुनिश्चित करवाने के लिए ड्रोन और कई अन्य उपकरणों का इस्तेमाल होगा. इस साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने पुलिस के साथ बैठक की है. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं. सीआरपीएफ को उम्मीद है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे. फिलहाल, जरूरत को देखते हुए ज्यादा सुरक्षा बलों की मांग की गई है.


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