जम्मू की टाडा कोर्ट ने वायु सेना के चार अफसरों की हत्या के मामले में यासिन मलिक पर आरोप तय किये
तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये अदालत में दलील दी कि उनके खिलाफ यह मामला झूठा और मनगढ़ंत है. उसने अदालत से कहा कि वो इस मामले में खुद को निर्दोष मानते हैं और वो इस मामले में मुक़दमे का सामना करने के लिए तैयार हैं.
जम्मू: जम्मू की टाडा की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया और आतंकी यासीन मलिक के खिलाफ जनवरी 1990 में वायु सेना के चार अफसरों की हत्या के मामले आरोप तय कर लिए हैं. मलिक पर धारा आरपीसी की 302, 307, टाडा एक्ट की धारा 3 (3) और 4 (1) समेत आर्म्स एक्ट में आरोप तय हुए हैं.
यासीन मलिक पर जनवरी 1990 में श्रीनगर में तैनात वायु सेना के चार अधिकारियों को जान से मारने का आरोप है. मारे गए अफसरों में से एक स्क्वार्डन लीडर रवि खन्ना भी थे. शहीद रवि खन्ना की पत्नी शालिनी खन्ना करीब तीन दशकों से अपने पति की हत्या का मामला लड़ती रही हैं. शालिनी खन्ना ने बताया कि यासीन मलिक ने उनके सामने ही उनके पति समेत चार अफसरों की गोली मार कर हत्या की थी. वहीं, तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये अदालत में दलील दी कि उनके खिलाफ यह मामला झूठा और मनगढ़ंत है. उसने अदालत से कहा कि वो इस मामले में खुद को निर्दोष मानते हैं और वो इस मामले में मुक़दमे का सामना करने के लिए तैयार हैं. उनकी इस दलील पर अदालत ने अगली तारीख पर इस मामले से जुड़े सबूत और गवाह अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी.
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