जम्मू: सोमवार को जहां जम्मू में बीजेपी ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के तिरंगे झंडे को कहे गए अपमानजनक शब्दों के खिलाफ तिरंगा रैली निकाली, वहीं पार्टी के तीन नेताओं ने महबूबा के इन बयानों से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दिया है. पार्टी से अलग होने के बाद इन नेताओं ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कई तीखे हमले किए.


सोमवार को जहां एक तरफ जम्मू में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के तिरंगे झंडे को लेकर कहे गए आपत्तिजनक शब्दों के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, वहीं पीडीपी को महबूबा के इन बयानों की भारी कीमत चुकानी पड़ी. महबूबा के इन बयानों से नाराज होकर पीडीपी के तीन वरिष्ठ नेताओं, पूर्व राज्यसभा सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा, पार्टी के पूर्व एमएलसी वेद महाजन और पार्टी के सचिव चौधरी हुसैन वफा ने पार्टी को अलविदा कह दिया.


पार्टी को अलविदा कहने के बाद एबीपी न्यूज़ से बातचीत में वेद महाजन ने आरोप लगाया कि अब पीडीपी वो पीडीपी नहीं रही जिसका सपना पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद ने देखा था. उन्होंने कहा कि साल 1999-2000 में जब पार्टी का गठन हुआ था तब पार्टी की विचारधारा जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का एक विकल्प खड़ा करने का था. उन्होंने कहा कि लोगों ने कांग्रेस और एन सी के विकल्प के रूप में पीडीपी को प्यार दिया और पार्टी सत्ता में आई, लेकिन, वेद महाजन ने आरोप लगाया कि अब पीडीपी वो पीडीपी नही रही.


उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के दिनों में बड़े से बड़े फैसले पर जम्मू प्रान्त के नेताओं की सलाह नहीं ली जाती, जबकि मुफ़्ती सईद छोटी से छोटी बात पर सभी नेताओं से राय मशवरा करते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि पीडीपी नेताओं का एक दल महबूबा को सलाह देता है और उसमें जम्मू के नेताओं को पूछा नहीं जाता, जिससे उनका दम घुटने लगा था. वेद महाजन ने दावा किया कि आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में पीडीपी के जम्मू स्थित नेता पार्टी से किनारा करेंगे.


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