जम्मू: जंगली जानवरों को खाना खिलाने का बीड़ा युवाओं ने उठाया, लॉकडाउन के चलते नहीं मिल पा रहा है खाना
जम्मू में जंगली जानवरों को खाना खिलाने का बीड़ा युवाओं ने उठाया है.लॉकडाउन के चलते इन जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है.
जम्मू: लॉकडाउन के चलते जहां आम लोगों को परेशानियां हो रही हैं वहीं बेजुबान जानवर भी इससे प्रभावित हुए हैं. देश भर में आवारा पशुओं को तो खाना कई संगठन खिला रहे हैं, लेकिन अब जम्मू के कुछ युवाओं ने जंगल में रह रहे जानवरों तक खाना पहुंचाने की कवायद शुरू की है.
लॉकडाउन के दौरान जहां आम आदमी को खाने पीने की दिक्कतें आ रही हैं वहीं जानवर भी इससे अछूते नहीं हैं. शहर में घूम रहे आवारा पशुओं तक तो कई संगठन खाना पहुंचा रहे हैं, लेकिन अब जम्मू में कुछ युवाओं ने जंगलों में भूख से तड़प रहे जानवरों तक खाना पहुंचना शुरू किया है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे से सटे जंगली इलाकों में हजारों बंदर भी लॉकडाउन का शिकार हुए हैं.
इन बंदरों को अब तक इस हाईवे पर आ जा रहे वाहनों में सवार या हाईवे पर बने ढाबों से खाना मिल जाता था, लेकिन हाईवे पर यातायात और ढाबे बंद होने से इन बंदरों के सामने भी खाने का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में जम्मू के कुछ युवकों ने इन भूखे बंदरों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया है.
पेशे से व्यापारी राकेश चौधरी का दावा है शहर में हर जानवर के खाने का प्रबंध तो लोग कर रहे हैं लेकिन जंगलों में रह रहे इन जानवरों की कोई सुध नहीं ले रहा. उनके मुताबिक हफ्तों कम खाना मिलने से जम्मू के कई जंगली इलाकों में पल रहे यह बंदर भूखमरी की कगार पर आ गए हैं और अब खाने की तलाश में शहर पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन बंदरों तक खाना पहुंचना का काम शुरू किया गया है.
वहीं, बीजेपी के सैनिक कॉलोनी के कॉरपोरेटर नरेंद्र सिंह का दावा है कि वो अक्सर हाईवे पर आते हैं और यहां बंदरों को खाना डालते हैं. लेकिन, लॉकडाउन के चलते वो काफी दिनों से यहां नहीं आये. लेकिन, आज यहां बंदरों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है और उनकी कोशिश रहेगी कि हफ्ते में कम से कम दो दिन इन्हें खाना खिलाया जा सके.
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