नई दिल्ली: प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से नहीं निकाला जाए. शनिवार को कहा कि जमात-ए-इस्लामी ने यह केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि जब तक म्यांमार में लोगों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार बहाल ना हो जाएं तब तक इन्हें देश से ना निकाला जाए.


जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष नुसरत अली ने कहा, ‘‘शरणार्थियों को लेकर भारत की बहुत उदार और स्वागत करने वाली छवि रही है. इस मामले में भी भारत सरकार को इंसानियत और उदारता का परिचय देना चाहिए. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह म्यांमार में रोहिंग्या लोगों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार बहाल होने तक इनको देश से नहीं निकाले.’’


नुसरल अली ने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से यह भी आग्रह करना चाहते हैं कि वह म्यांमार में हिंसा को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे.’’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 40 हजार रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकालने की योजना पर पिछले दिनों केंद्र सरकार से जवाब मांगा. ऐसी खबरें हैं कि सरकार रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को उनके देश म्यांमार वापस भेजने की तैयारी कर रही है.


रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उन्हें वापस भेजने से रोकने की अपील की है. नुसरत अली ने कथित गोरक्षकों की हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया आदेश का स्वागत किया जिसमें उसने ऐसे मामलों के संदर्भ में हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा था.