नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य जनार्दन द्विवेदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और साध्वी ऋतंभरा के साथ मंच साझा किया. रविवार को हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथ गीता पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनार्दन द्विवेदी ने आरएसएस प्रमुख के साथ मंच साझा किया.


कांग्रेस के पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही साध्वी ऋतंभरा और अन्य आध्यात्मिक नेताओं के साथ पहली पंक्ति में बैठे थे.


यह कार्यक्रम दिल्ली के लाल किले में आयोजित की गई थी. इस प्रोग्राम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौदूज थे. कार्यक्रम का आयोजन 'जीओ गीता' नाम के संगठन ने करवाया था.


कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी गिनती


बता दें कि जनार्दन द्विवेदी काफी समय तक कांग्रेस महासचिव रहे हैं. उनकी गिनती सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में होती रही है. जनार्दन द्विवेदी ने कई कांग्रेस अध्यक्षों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के साथ मिलकर काम किया है. हालांकि राहुल गांधी ने जनार्दन द्विवेदी को तरजीह नहीं दी और किनारा कर दिया.


राहुल के फैसले पर उठा चुके हैं सवाल


जब लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया तो जनार्दन द्विवेदी ने इसपर सवाल उठाए थे और पार्टी के फैसलों को कठघरे में खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को पद छोड़ने से पहले नए अध्यक्ष के चयन के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए थी.


उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को आईना दिखाते हुए कहा था, "मैंने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की. तब कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात से किनारा कर लिया था. लेकिन जब मोदी सरकार ने आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण दिया तो सारी पार्टियां मौन हो गई." द्विवेदी ने पार्टी को ये भी याद दिलाया कि 'भारतीयता, भारतीय संस्कृति' को लेकर मेरे विचार से पार्टी सहमत नहीं थी. बाद में भारतीय संस्कृति से नजदीकी दिखाने के लिए क्या क्या नहीं करना पड़ा!"


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