Janmashtami 2022: जन्माष्टमी का त्योहार हर साल, हिंदुओं द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. हिंदू कैलेंडर (Hindu Calender)के अनुसार, भगवान कृष्ण (Lord Sri Krishna) का जन्म भाद्र महीने के आठवें दिन हुआ था. पश्चिमी कैलेंडर (Western Calender) के अनुसार यह दिन ज्यादातर अगस्त या सितंबर (August Or September)के महीनों में पड़ता है. जन्माष्टमी का त्योहार (Janmashtami) भगवान कृष्ण की पूजा करके, खूबसूरती से सजाए गए झूलों, नृत्य और संगीत के प्रदर्शन और दही हांडी प्रतियोगिता (Dahi Handi Competition) के साथ मनाया जाता है.


कई राज्यों में बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज


कई राज्य सरकारें जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूलों और अन्य संस्थानों के लिए छुट्टियों की घोषणा करती हैं, लेकिन कुछ सरकारी संस्थान ऐसे भी हैं जो खुले रहते हैं. निजी स्कूल भी संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन करते हैं और उसी के अनुसार अपने कार्यक्रम की घोषणा करते हैं. उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में शुक्रवार (19 अगस्त) को जन्माष्टमी के दिन छुट्टी की घोषणा की गई है. हिमाचल प्रदेश में भी सरकार के स्कूलों में छुट्टी है.


जन्माष्टमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की दिशा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश जैसी विभिन्न राज्य सरकारों ने जन्माष्टमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया है. हालांकि, केरल के नीलगिरी में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने नीलगिरी, कोयंबटूर, डिंडीगुल और तिरुपुर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है.


शुक्रवार को बैंक भी रहेंगे बंद


जब बैंक अवकाश की बात आती है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कैलेंडर के मुताबिक जन्माष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को अहमदाबाद, भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, गंगटोक, जयपुर, जम्मू, कानपुर, लखनऊ, पटना, रायपुर, रांची, शिलांग, शिमला और श्रीनगर में बैंक बंद रहेंगे. आरबीआई तीन श्रेणियों के तहत छुट्टियों को अधिसूचित करता है - नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, हॉलिडे, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट हॉलिडे और बैंकों के खाते बंद करना.


क्यों मनाते हैं जन्माष्टमी


कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म वर्तमान मथुरा, उत्तर प्रदेश में एक कालकोठरी में हुआ था. उनका जन्म रानी देवकी और राजा वासुदेव के यहां मध्यरात्रि में हुआ था. इसलिए, परंपरा के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी पूजा निशिता काल में की जाती है, जो लगभग आधी रात को होती है.


जन्माष्टमी का इतिहास और महत्व
मान्यता के अनुसार, रानी देवकी के भाई कंस ने एक भविष्यवाणी सुनी थी कि भगवान कृष्ण का जन्म उन्हें नष्ट करने के लिए हुआ था. इस प्रकार, कंस ने शिशु कृष्ण को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि वह ऐसा कर पाता, कृष्ण को अंधेरे कालकोठरी से सुरक्षित बाहर भेज दिया गया. राजा वासुदेव ने एक टोकरी में कृष्ण को अपने सिर पर लेकर यमुना नदी को पार किया और उन्हें गोकुल में एक सुरक्षित आश्रय प्रदान किया. महाभारत में, कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथी के रूप में भगवान कृष्ण का वर्णन सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है. उन्होंने धर्म के प्रति अर्जुन की निष्ठा को बनाए रखा.


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