उत्तर प्रदेश: ब्रज में हर साल जन्माष्टमी की धूम रहती है. 12 अगस्त की मध्यरात्रि में ज़्यादातर मंदिरों में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जायेगा. लेकिन ब्रज भूमि पर एक ऐसा प्राचीन सिद्ध मंदिर भी है, जहां श्रीकृष्ण दिन में जन्म लेते हैं. करीब 500 साल पुराने वृंदावन के ऐतिहासिक राधा रमण मंदिर में दिन में जन्माष्टमी मनाई जाती है. सुबह 8 बजे से ही मदन गोपाल के भव्य जन्माभिषेक की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. यहां भगवान का स्वरूप शालिग्राम शिला से श्री राधा रमण के स्वरूप का स्वयं प्राकट्य है. इस मंदिर के श्रीविगृह में मदनमोहन, गोपीनाथ और गोविन्ददेव के दर्शन होते हैं. माना जाता है कि ऐसा अद्भुत दर्शन ब्रज के किसी मंदिर में नहीं मिलता.


भगवान के इस स्वरूप और जन्माभिषेक के बारे में राधा रमण मंदिर प्रबंधन के सचिव पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया, "यह श्री चैतन्य महाप्रभु की परंपरा में गोपाल भट्ट गोस्वामी जो उनके शिष्य थे उनके द्वारा अपनी आराधना भक्ति साधना के जरिये शालिग्राम शिला से श्री राधा रमण देव का स्वंय प्राकट्य है. वृंदावन के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव सुबह 8.30 बजे प्रारंभ होता है. पहले गोस्वामी लोग यमुना तट पर यमुना जल लेने जाते हैं. जल लाने के बाद विभिन्न प्रकार की औषधियां, वन-औषधियां, फल, दूध, दही, घी, शहद, शर्करा आदि विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से ठाकुर जी का अभिषेक होता है. 2000 लीटर दूध का अभिषेक होता है."


इस मंदिर की एक विशेषता ये भी है कि यहां प्रभु की पूजा में माचिस का उपयोग नहीं किया जाता. मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों के मुताबिक मंदिर की पहली आरती के लिए अग्नि वैदिक मंत्रों के माध्यम से आज से करीब 500 साल पहले प्रकट की गई थी. उसके बाद ही ठाकुर जी ने गोपाल भट्ट स्वामी के मन में यह भाव पैदा किया कि इसी अग्नि से भविष्य में ठाकुर की आरती की जाय. यही कारण है कि इस मंदिर में करीब 500 साल से माचिस का प्रयोग नहीं किया गया. आज भी ठाकुर जी की आरती के लिये उसी अग्नि का प्रयोग किया जाता है जो 500 साल पहले प्रकट हुई थी.


कोरोना के चलते इस बार मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश की मनाही है. मंदिर के मुख्य द्वार को भी बंद रखा गया है. पद्मनाभ गोस्वामी का कहना है, "अबकी बार कोरोना महामारी का समय है और इस प्रकार का वृंदावन का परिदृश्य जीवन में पहले कभी नहीं देखा था, ना इसकी कल्पना की थी. लेकिन इस बार महामारी के कारण बाहर से यात्रियों का प्रवेश मना है. भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित है. गोस्वामी परिवार के लोग ही ठाकुर जी के अभिषेक में सहयोग कर रहे हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रभु से ये कामना करते हैं कि विश्व भर में जो लोग इस महामारी से ग्रस्त हैं उन्हें शीघ्र स्वस्थ करें, उनका कल्याण हो और ये महामारी शीघ्र समाप्त हो. प्रशासन के प्रतिबंधों का पालन करते हुए हमें मंदिर में ये व्यवस्था करनी पड़ रही है."


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