कश्मीर में भी आज कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया है. हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल श्रीनगर की सड़कों पर देखने को मिली है. कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने भगवान कृष्ण की शोभायात्रा निकाली.


शहर के बीचो बीच लाल चौक में समापन हुआ. इस यात्रा में भगवान कृष्ण की फूलों से सजी झांकी निकाली गई. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी जम कर हिस्सा लिया है. इस यात्रा में कश्मीरी पंडित समुदाय की महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के भाग लिया और भगवन कृष के भक्ति संगीत पर कश्मीरी रिवायती नृत भी किया. हाथों में ढोलक और घंटियां लिए भगवान कृष्ण के कईं सौ भक्तों ने भजन गाकर इस शोभा यात्रा में भाग लिया.


कश्मीरी समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़ के भाग लिया है


ऐसी यात्रा कश्मीर में कईं सालों के बाद देखने को मिल्ली जिसमें स्थानीय कश्मीरी समुदाय के लोगों ने भी बढ़ चढ़ के भाग लिया है. यह यात्रा श्रीनगर के हब्बा कदल में स्थित कत्लेश्वर मंदिर से निकाली गई और तकरीबन श्रीनगर शहर के मुख मोहल्लों से होते हुए यह यात्रा लाल चौक से गुजरी.


कड़े सुरक्षा इन्तिज़मों के बीच यात्रा समपन्न हई


इस मौके पर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों का कहना था कि यह यात्रा पहले भी निकाली जाती थी पर पिछले कुछ सालो में खराब हालात और फिर कोरोना संक्रमण के चलते झांकी नहीं निकाली जा सकी. कश्मीर घाटी में 90 की दहाई में शोभा यात्रा नहीं निकली जाती थी लेकिन फिर 2004 से एक बार फिर से शोभा यात्रा शुरू की गयी. और इस बार भी कड़े सुरक्षा इन्तिज़मों के बीच यात्रा समपन्न हई.


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