नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान एक वर्ग विशेष के खिलाफ नारेबाजी से जुड़े एक वीडियो के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने वकील और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें अश्विनी उपाध्याय समेत 4 आरोपियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इस मामले पर दिल्ली पुलिस के डीसीपी दीपक यादव ने कहा, ‘‘हमें एक वीडियो मिला है और हम इसकी जांच कर रहे हैं. कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.’’
8 अगस्त को हुआ क्या ?
इस दिन बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय के एक कार्यक्रम में भीड़ जुटी. वहीं पर एक वर्ग विशेष के खिलाफ नारे लगे. कार्यक्रम भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित किया था. पुलिस से इस कार्यक्रम की इजाजत नहीं ली गई थी. आरोप है कि इसी कार्यक्रम में जमा भीड़ ने ही भड़काऊ नारेबाजी की.
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और दिल्ली पुलिस हरकत में आई. दिल्ली पुलिस ने 9 अगस्त की रात को अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया. आरोपियों से चाणक्यपुरी थाने में एक साथ बिठाकर पूछताछ की गई. 10 अगस्त की दोपहर इन सभी लोगों की गिरफ्तारी हुई.
अपनी सफाई में क्या बोले अश्विनी उपाध्याय?
पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है जबकि अश्विनी उपाध्याय अब अपनी सफाई पेश कर रहे हैं.उपाध्याय ने कहा, ‘‘ मैंने वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को शिकायत सौंपी है. अगर वीडियो प्रामाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’’ उपाध्याय ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वे कौन हैं. मैंने उन्हें कभी नहीं देखा, न ही मैं उनसे कभी मिला हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था. जब तक मैं वहां था, वे वहां नजर नहीं आए. अगर वीडियो फर्जी है, तो ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ को बदनाम करने के लिए यह दुष्प्रचार किया जा रहा है.’’
मामले ने 10 अगस्त की दोपहर और तूल पकड़ लिया जब गिरफ्तारी के बाद थाने के बाहर हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने पुलिस से हाथापाई की. प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई गलत है, पुलिस ने ज्यादती की है. इस बीच एक और वीडियो सामने आया जो विनीत क्रांति ने कार्यक्रम के दौरान बनाया. वीडियो गालीगलौज से भरा हुआ है.
नारेबाजी पर जमकर हो रही राजनीति?
दिल्ली में संसद भवन के करीब, जंतर मंतर पर इतना बड़ा बवाल हो गया और इस पर राजनीति ना हो, ऐसा कहां हो सकता है. दिल्ली की AAP सरकार और कांग्रेस ने तुंरत निशाना साधा. वहीं अश्विनी उपाध्याय के बचाव में बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव आगे आए.
हर दल इस कांड की आग में अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगा है जबकि होना ये चाहिए कि अगर ऐसा हुआ है तो सभी दल को एक साथ आकर इसकी खिलाफत करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करनी चाहिए .
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