नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर पूर्वोत्तर के राज्य असम में जारी तनाव के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरे फिलहाल टल गया है. इसे आपसी सहमति से अगली तारीख तक के लिए मुल्तवी किया गया है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और जापान के पीएम के बीच गुवहाटी में मुलाकात की तैयारियां की जा रही थी. मगर हालात को लेकर अतिरिक्त एहतियात बरत रही सरकार ने गुवहाटी में मुलाकात को लेकर आधिकारिक ऐलान नहीं किया था. हालांकि, यह बात और है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय का पत्र सूचना कार्यालय गुवाहाटी में 16 दिसम्बर को दोनों नेताओं की मुलाकात के सन्दर्भ में ट्वीट कर चुका था.


जापानी पीएम की यात्रा कार्यक्रम में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि ''दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा को निकट भविष्य के लिए टालने का फैसला लिया है. आपसी सुविधा से नई तारीख तय की जाएंगी.'' इस बीच जापानी सूत्रों के मुताबिक भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में नागरिक संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.


हालांकि, इस शिखर वार्ता पर संशय के बादलों की छाया उसी समय नज़र आ गई थी जब इस बाबत पूछे गए एबीपी न्यूज़ के सवाल पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया था. सवाल के जवाब में उन्होंने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो यात्रा के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं.


विदेश मंत्रालय बीते सप्ताह जापानी पीएम शिंजो आबे के 15-17 दिसम्बर के बीच भारत दौरे का ऐलान कर चुका था. वहीं, सालाना वार्ता के लिए आ रहे शिंजो आबे के गुवाहाटी के अलावा इम्फाल जाने का भी कार्यक्रम था जहां द्वितीय विश्वयुध्द के दौरान सैकड़ों जापानी सैनिक मारे गए थे.


मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक इस दौरे की तैयारियों के लिए केंद्र सरकार के महकमों के दल और जापान सरकार के नुमाईंदे गुवाहाटी पहुंच चुके थे. यात्रा कार्यक्रम टालने की नौबत न आए इसके लिए भी प्रयास किए गए. लेकिन पूर्वोत्तर में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर इस यात्रा को फिलहाल टालने का ही फैसला किया गया है.


सनद रहे कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर संसद से लेकर सड़क तक मचे हंगामे के बीच बांग्लादेश के विदेशमंत्री, गृहमंत्री और जापानी पीएम का दौरा टल चुका है. यह बात और है कि किसी ने भी आधिकारिक तौर पर अपने यात्रा कार्यक्रम में बदलाव के लिए भारत में नागरिकता संशोधन विधेयक या उससे जुड़ी राजनीति को कारण नहीं बताया ही. बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने 12 दिसम्बर से शुरू होने वाली अपनी यात्रा को टालने के पीछे विजय दिवस और बुद्धिजीवी दिवस जैसे कार्यक्रम को कारण बताया है.


जापान के प्रधानमंत्री का यात्रा कार्यक्रम टलने के बाद अब यह गुंजाइश जरा धुंधली है कि दोनों नेताओं की मुलाकात मौजूदा साल में हो सके. हालांकि, फिलहाल इस सम्भवना को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि पूर्वोत्तर में हालात कब और कैसे सामान्य होते हैं.


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