नई दिल्ली: भारतीय सेना अब दुनिया की सबसे बड़ी थलसेना हो गई है. जबकि चीन की सेना तीसरी नंबर पर पहुंच गई है. जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर कोरिया की सेना है. ये दावा जापान के रक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक रिपोर्ट ने किया है. जापान की 'डिफेंस रिपोर्ट 2019' के मुताबिक चीन की ग्राउंड फोर्सेज (थलसेना) की संख्या नौ लाख 80 हजार (9.8 लाख) है. जबकि भारत की थलसेना की संख्या 12.4 लाख है. उत्तर कोरिया के सैनिकों की संख्या 11 लाख है.


बता दें कि अभी तक ये माना जाता था कि चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) सेना दुनिया की सबसे बड़ी है, लेकिन पहली बार ये बात सामने आई है कि अब भारत की थलसेना सबसे बड़ी हो गई है‌. जापान की ताजा‌ रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सैनिकों की संख्या के कम होने का बड़ा कारण ये है कि चीन अब अपनी पूरी ताकत ग्राउंड फोर्सेज के बजाए साइबर, स्पेस और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में झोंक रहा है. इसके अलावा चीन अब एक ग्लोबल पॉवर बनने की दिशा में ध्यान लगा रहा है.


जिसके चलते चीन अपनी नौसेना और वायुसेना का भी विस्तार कर रहा है‌. टेक्नोलॉजी पर ज्यादा से ज्यादा निर्भर होने के चलते चीन अपनी रॉकेट फोर्स (सामरिक और न्यूक्लियर मिसाइल) को भी लगातार बढ़ा रहा है. यही वजह है कि चीन की ग्राउंड फोर्सेज लगातार कम हो रही है. वहीं भारत को चीन से सटी एक लंबी सीमा के साथ-साथ पाकिस्तान सीमा पर निगहबानी करनी पड़ती है. यही वजह है कि भारतीय सेना को इन दोनों सरहदों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी फौज की आवश्यकता है.


हालांकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सेना को टेक्नोलॉजी पर ज्यादा निर्भर रहना चाहिए और सेना को लीन एंड थिन बनाना चाहिए. इसलिए रक्षा मंत्रालय ने शेकतकर कमेटी का गठन किया था. शेकतकर कमेटी सरकार को अपने सुझाव दे चुकी है कि सेना के 'बिना दांत तोड़े पूंछ को कैसे कम किया जाना चाहिए' यानि ताकत कम किए बगैर गैर-जरूरी महकमें बंद कर देने चाहिए.


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