नई दिल्ली: दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गहरा शोक जताया है. आडवाणी ने कहा कि उनके पास संवेदना जताने के लिए शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह न सिर्फ पार्टी में उनके सबसे करीबी सहयोगी थे बल्कि दोनों के बीच गहरी दोस्ती भी थी.


पार्टी में उन्होंने विशेष योगदान दिया- आडवाणी


लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “जसवंत जी एक शानदार संसद सदस्य, दक्ष राजनयिक, एक महान प्रबंधक और इन सबसे ऊपर एक देशभक्त थे. राजस्थान से आने वाले जसवंत जी का कद बीजेपी में बड़ा था और सालों तक उन्होंने पार्टी में अहम योगदान दिया. वाजपेयी सरकार में रहते हुए उन्होंने रक्षा, विदेश और वित्त मंत्रालय जैसी तीन अहम जिम्मेदारियों को निभाया. इन मुद्दों को संभालने के दौरान छह सालों में अटल जी, जसवंत जी और मेरे बीच एक विशेष रिश्ता कायम हुआ.”


जसवंत सिंह को किताबों से था लगाव- आडवाणी


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मेरी तरह ही जसवंत जी भी किताबों के बहुत बड़े प्रेमी थे और हमने कई दफा साझा रूचि के नोट्स भी शेयर किए. मैं उनके साथ और हमारे पारिवारिक संबंध को याद करता हूं. उनका चले जाना देश और खासकर मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है. शीतल जी, मानवेंद्र सिंह और भूपेंद्र सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति.”


कोमा में थे जसवंत सिंह


जसवंत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार में 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजापी ने उन्होंने टिकट नहीं दिया, इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी. उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे.


दोनों सदनों के सदस्य रहे जसवंत सिंह


1996 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जसवंत सिंह ने रक्षा, विदेश और वित्त जैसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला. भारतीय सेना में लंबे समय तक सेवा देने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. जसवंत सिंह संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे.


नहीं रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह, पीएम मोदी और रक्षामंत्री ने शोक व्यक्त किया