किसान आंदोलन: बीजेपी की रणनीति पर काम शुरू, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के घर पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं की हुई बैठक
बीजेपी ने किसान आंदोलन की वजह से हुए राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने के लिए एक योजना बनाई है. इसके तहत बीजेपी ने विधायक और सांसद किसानों के बीच जाएंगे. इस दौरान वे कृषि कानून पर चर्चा करेंगे और इससे जुड़े भ्रम को दूर करेंगे.
नई दिल्ली: तीन महीने से लगातार चल रहे किसान आंदोलन में फैलाए गए भ्रम से हुए राजनीतिक नुक़सान की भरपाई करने के लिए सरकार और बीजेपी ने रोडमैप तैयार किया है. जिसकी कमान खुद गृहमंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. इसी के तहत पहले कल गृहमंत्री ने बीजेपी के वरिष्ठ जाट नेताओं, मंत्री, सांसद, विधायकों के साथ बैठक की और निर्देश दिया कि आप लोग किसानों के बीच में जायेंगे और कृषि बिल पर उनके भ्रम और अफ़वाहों को दूर करने की कोशिश करेंगे. जिसके बाद आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं की एक बैठक केंदीय मंत्री संजीव बालियान के घर पर आयोजित की गई.
किसान आंदोलन में एक परसेप्सशन बनाया जा रहा है कि जाट और सिख समुदाय सरकार से नाराज़ होते जा रहे हैं. इसी नाराज़गी को दूर करने के लिए कल देर रात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने कई मंत्रियों के साथ एक अहम बैठक की. इसी बैठक में तय हुआ कि बीजेपी अपनी पूरी ताक़त के साथ किसानों के बीच में जाएगी. पार्टी के कार्यक्रम के मुताबिक़ गांव-गांव में छोटी छोटी पचांयते करेगी. चौपाल लगाएगी और इसके साथ ही खापों की नाराज़गी दूर करने के लिए भी पार्टी के बड़े नेता खापों से भी सम्पर्क करेंगे और उनके मतभेदों को दूर करेंगे.
दूसरी तरफ विपक्षी दल और किसान नेता इसे सरकार की चाल बता रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकार किसान आंदोलन को एक समुदाय का आंदोलन बता कर ख़त्म करना चाहती है लेकिन वो ऐसा नहीं होने नहीं देंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में कृषि बिल पर दिये गये बयान के बाद ये बिल्कुल साफ़ है कि सरकार किसानों से तो बातचीत करेगी लेकिन विपक्ष की दाल नहीं गलने देगी. इसके लिये पार्टी और सरकार दोनों ने कमर कस ली है.