चंडीगढ़ः हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन की सुगबुगाहट एक बार फिर से शुरू हो गई है. तकरीबन साढे तीन साल बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए फरवरी 2016 आरक्षण हिंसा के आरोपियों ने इस तरह के संकेत दिए हैं. पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास पर आगजनी और तोडफोड के आरोपी युवा जाट नेता मनोज दूहन और सुदीप कलकल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि जाट आरक्षण की मांग को लेकर अब पीछे नहीं हटा जा सकता.


सरकार से दोबारा मांग की जाएगी और बातचीत के जरिए समाधान की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार ने जाट समाज की मांगों पर गौर नहीं किया तो फिर से आंदोलन हो सकता है.

एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए इन दोनों युवा जाट नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि फिलहाल वे समाज के लोगों से मिल रहे हैं और जल्द ही आगे की रणनीति तय करेंगे.

आरक्षण को लेकर कहा कि जिस मुद्दे को लेकर समाज ने इतना संघर्ष किया, उसे ऐसे ही बीच मझदार में नहीं छोड़ा जा सकता. सरकार ने अगर जाट समाज की इस मांग को जल्द पूरा नहीं किया तो आंदोलन ही आखिरी रास्ता होगा.

अपनी मांगों को लेकर कोई भी आंदोलन या धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार हमें संविधान से मिला है और संवैधानिक तरीके से दौबारा आंदोलन खड़ा किया जा सकता है.

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