Jawaharlal Nehru Jayanti: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की गैरमौजूदगी से जुड़े विपक्ष के आरोपों पर राज्यसभा सचिवालय ने सफाई दी है. सचिवालय ने तमाम आरोपों के बीच साफ किया है कि उपराष्ट्रपति ऐसे किसी भी समारोह में परंपरागत तौर पर शरीक नहीं होते रहे हैं. उन्होंने जानकारी दी है कि इस आरोप से उपराष्ट्रपति को गहरा धक्का लगा है.
नेहरू जयंती पर रविवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित पारंपरिक कार्यक्रम में राज्यसभा के सभापति, लोकसभा के अध्यक्ष और मंत्रियों की ‘अनुपस्थिति’ को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय कक्ष में पीठासीन अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों की अनुपस्थिति की आलोचना की थी, जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी सरकार पर निशाना साधा था.
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नेहरू के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले बाल दिवस पर राजस्थान विधानसभा में बच्चों के लिए एक विशेष सत्र को संबोधित करने जयपुर में थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश के एसपीएस नेल्लोर जिले के वेंकटचलम में स्वर्ण भारत ट्रस्ट की 20वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया था.
विपक्षी दलों ने अक्सर सरकार पर संसदीय परंपराओं की अवहेलना करने का आरोप लगाया, हालांकि सरकार इस तरह के आरोपों को खारिज कर चुकी है. अधिकारियों ने कहा कि जयपुर के कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार और राज्य विधानसभा द्वारा किया गया और इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी भी शामिल हुए, जो दोनों ही कांग्रेस के नेता हैं.
अधिकारियों ने यह भी कहा कि बिरला जब भी दिल्ली में होते हैं तो हमेशा ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, हालांकि उनके लिए या राज्यसभा के सभापति के लिए इन समारोहों में अनिवार्य रूप से शामिल होने की कोई निर्धारित परिपाटी नहीं है.
कौन कौन हुआ था शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, उच्च सदन में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत पार्टी के नेता संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यहां आम तौर पर उन शख्सियतों की जयंती पर शीर्ष नेता पुष्पांजलि अर्पित करते हैं, जिनके चित्र संसद कक्ष में लगे हैं.
कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था, ‘‘केंद्रीय कक्ष में जिन लोगों की तस्वीरें लगी हैं, उनकी जयंती मनाने से संबंधित पारंपरिक कार्यक्रम में आज असाधारण दृश्य दिखा. लोकसभा के अध्यक्ष अनुपस्थित रहे. राज्यसभा के सभापति अनुपस्थित रहे. एक भी मंत्री मौजूद नहीं था. क्या इससे बुरा कुछ हो सकता है?’’
हालांकि, लोकसभा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे.
रमेश के ट्वीट को टैग करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे अब कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं लगता. यह सरकार संसद सहित भारत के महान संस्थानों को नष्ट कर रही है.’’ आपको बता दें कि नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था. वह सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.