नई दिल्ली: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को हम एक राजनेता के तौर पर ही अधिक जानते हैं लेकिन नेहरु एक शानदार और बेहद लोकप्रिय लेखक भी थे. उनके बारे में प्रख्यात इतिहासकार और लेखक ने कहा था कि अगर जवाहरलाल नेहरु इस देश के प्रधानमंत्री नहीं होते तो वे एक महान लेखक होते.


नेहरु का लेखन बेहद गंभीर और सत्यता के करीब है. उन्होंने भारत को नजदीक से समझा, जाना और लिखा. स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के कारण वे कई बार जेल भी गए. जेल के दौरान लिखे गए उनके लेख और किताबें आज भी बेस्ट सेलर में स्थान पाती हैं.


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उस समय के भारत को जानने के लिए नेहरु की लिखीं किताबें एक सशक्त माध्यम के रुप में नजर आती हैं. नेहरु अपने जीवन में 10 बार जेल गए. दस बार की जेल यात्रा के दौरान उन्होंने अपने जीवन के कुल 8 साल 9 महीने और 3 दिन जेल में बिताए.


डिस्कवरी ऑफ इंडिया जिसे हम भारत एक खोज के नाम से भी जानते हैं, नेहरु ने ही लिखी थी. बाद में मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल ने इस पर एक सीरियल भी बनाया जो 80 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ. नेहरु ने यह किताब जेल में लिखी थी जो 1946 में प्रकाशित हुई.


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उन्होंने इंदिरा गांधी के लिए करीब 200 पत्र लिखे जो ग्लिंप्सेज ऑफ हिस्ट्री यानि विश्व इतिहास की झलक के रुप में प्रकाशित हुए. नेहरु ने अपनी आत्मकथा एन ऑटोबायोग्राफी भी लिखी. जानकार मानते हैं कि जब एक पाठक के तौर पर नेहरु को पढ़ते हैं तो लगता है कि नेहरु का चिंतन और उनके लेखन का फलक कितना विशाल है.


देश की परिस्थितियों के साथ साथ उनकी नजर तात्कालिक वैश्विक घटनाओं पर भी थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नेहरु की इसी खूबी के प्रशंसक भी थे. वे पूरी दुनिया को प्रभावित करने का दम रखते थे. नेहरु एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. जब वे बच्चों के साथ होते तो बच्चे बन जाते.


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भारतीय समाज और पारिवारिक तानेबाने में चाचा का रिश्ता ऐसा होता है जिसमें उम्र और बंधन मिट जाता है. नेहरु महान वैज्ञानिक अलर्बट आइंस्टाइन से भी खुलकर बात कर सकते थे. महान अभिनेता चार्ली चेपलिन भी नेहरु के साथ अपने आपको सहज पाते थे. नेहरु में तमाम खूबिया थीं.


बड़े बड़े साहित्यकार उनके प्रशंसक थे फिर चाहे वे निराला ही क्यों न हों. उर्दू अदब के महान शायर फिराक गोरखपुरी भी उनसे प्रभावित थे. फिराक को अपनी अंगे्रजी और उर्दू शायरी पर बड़ा नाज था. एक बार फिराक ने कहा था कि इस देश में अंग्रेजी दो ही लोग जानते हैं एक वे स्वयं और दूसरे जवाहर लाल नेहरु.


दुनिया में नेहरु को विश्व शांति और मानववादी आर्दश के लिए आवाज उठाने वाले नेता के रुप में देखा जाता है.