'हम स्कूल के बच्चे नहीं है', राज्यसभा में क्यों भड़क गईं जया बच्चन?
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न छूट जाने पर हंगामा देखा गया. सभापति जगदीप धनखड़ को सांसदों को शांत कराना पड़ा. इस दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने साथी सदस्यों के बर्ताव पर आपत्ति जताई.
Jaya Bachchan Remarks: संसद के उच्च सदन राज्यसभा में सोमवार (5 फरवरी) को उस समय तीखी नोकझोंक देखने को मिली जब प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न छूट गया. राज्यसभा में 17वें प्रश्न के बाद 19वां प्रश्न ले लिया गया और 18वां प्रश्न छूट गया था. इस पर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ विपक्षी सदस्यों ने 18वें प्रश्न को छोड़े जाने का कारण जानना चाहा.
जया बच्चन ने कथित तौर पर सूचीबद्ध प्रश्न को क्रम में न लिए जाने पर विरोध दर्ज कराया. विपक्षी सांसदों को बीजेपी के एक सदस्य ने बैठ जाने के लिए संकेत किया. इस पर सपा सांसद जया बच्चन ने कड़ी आपत्ति जताई.
मामले को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शांत कराया. साथी सदस्यों के बर्ताव पर जया बच्चन ने यहां तक कहा कि 'हम स्कूल के बच्चे नहीं है.'
'आप जैसी महान अदाकारा ने कई रीटेक भी लिए होंगे'
सांसदों को शांत कराते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ''मैं पहले ही संकेत दे चुका हूं कि प्रश्न संख्या 19 पूरा होने के बाद मैं इस मुद्दे को उठाऊंगा. जब हम इस मुद्दे को उठाएंगे तो संयमित तरीके से इसे उठाएंगे, कोई रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे. जया बच्चन बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. अगर उनके मन में ऐसी कोई भावना है तो वह मेरे प्रति बहुत गंभीर होगी, मुझे प्रश्न संख्या 19 पर जाने दीजिए. फिर मैं प्रश्न संख्या 18 पर आऊंगा और जो बात उठाई जा रही है, उस पर आऊंगा.''
''जया बच्चन जी, आप देश में वैसे भी बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं, आप जो भी कहती हैं उसका सम्मान किया जाता है और उस पर विचार किया जाता है. तो आप हम सभी को प्रोत्साहित करेंगी और मुझे यकीन है कि आप जैसी महान अदाकारा ने कई रीटेक भी लिए होंगे.''
क्या बोलीं जया बच्चन?
जया बच्चन ने कहा, ''सर, डिप्टी चेयरपर्सन के लिए बहुत रिगार्ड (सम्मान) है और आज से नहीं, वर्षों से उनकी बहुत इज्जत करती हूं. उनके बारे में हमने कुछ नहीं कहा. ये मेरी आपसे रिक्वेस्ट है, आप कहेंगे, हम बैठ जाएंगे, डिप्टी चेयरमैन कहेंगे, हम बैठ जाएंगे मगर कोई और सदस्य हाथ हिलाकर अगर हमें बोले तो हम नहीं मानेंगे, प्रश्न करना हमारा अधिकार है, आप हमें बता दीजिए कि ये सवाल नहीं ले सकते, समस्या है, हम इसे बाद में लेंगे, हम समझेंगे, हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं लेकिन लेकिन हमारे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें. धन्यवाद.''
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