जयललिता की मौत को लेकर जांच समिति ने उठाए सवाल, शशिकला बोलीं- इलाज में नहीं दिया दखल, आरोपों को किया खारिज
जयललिता की मौत के बाद गठित जांच समिति की रिपोर्ट में उनकी करीबी वीके शशिकला पर कई आरोप लगाए गए हैं. अब शशिकला ने आरोपों पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं थीं.
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Sasikala On Jayalalitha Death: जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला ने जांच समिति के इस आरोप को खारिज किया है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री के इलाज में हुई चूक के लिए वह जिम्मेदार थीं. तीन पन्नों के पत्र में वीके शशिकला ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जयललिता के लिए एंजियोग्राम की आवश्यकता कभी नहीं उठी और उन्होंने इलाज के लिए उन्हें विदेश ले जाने के लिए किसी भी कदम को नहीं रोका.
'जया और मैं दोस्ती के लिए एक मॉडल थे'
वीके शशिकला ने यह भी कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा, शशिकला की ओर से पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों ने उस समय फैसला किया था कि जयललिता के लिए किसी एंजियोग्राम की आवश्यकता नहीं थी. जयललिता की 2016 में मृत्यु हो गई थी. उन्होंने लिखा, "जया और मैं दोस्ती के लिए एक मॉडल थे. हमें अलग करने की साजिश की गई. साजिश की पृष्ठभूमि को समझने के बाद मैं जयललिता से दोबारा जुड़ी."
शशिकला के वकील ने क्या कहा
इससे पहले मंगलवार (18 अक्टूबर) को शशिकला के वकील राजा सेंथुरा पांडियन ने एनडीटीवी को बताया कि जयललिता को दिए गए इलाज से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, "इस बात के सबूत हैं कि यह डॉक्टरों का एक सामूहिक निर्णय है. केंद्र सरकार ने ही एम्स के डॉक्टरों को भेजा था और उनकी सहमति थी. कहीं भी ऐसा कुछ नही है कि शशिकला ने इलाज को लेकर कोई आदेश दिया था. आप कानून में अपनी स्थिति जानते हैं. कोई धारणा नहीं होनी चाहिए."
उन्होंने कहा कि किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा था कि "एंजियोग्राम में हस्तक्षेप किया गया था ... शशिकला ने हस्तक्षेप किया था. कोई सबूत नहीं है." पांडियन ने कहा कि डॉक्टरों ने बाद में एंजियोग्राम करने का फैसला किया था और इसके सबूत हैं.
रिपोर्ट मे शशिकला पर उठे कई सवाल
गौरतलब है कि जयललिता की साल 2016 में चेन्नई के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. उनकी मौत को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए. उनके करीबियों ने इसे रहस्यमयी मौत करार दिया. उनकी मौत की जांच को लेकर पूर्व जस्टिव अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ. जांच समिति की रिपोर्ट भी सामने आ गई है. इसी रिपोर्ट में जयललिता की करीबी वीके शशिकला, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर, मुख्य सचिव और डॉ. केएस शिवकुमार की कड़ी आलोचना की गई. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि जयललिता की मौत की जांच के लिए सरकार को आदेश देने चाहिए.
'इलाज में चूक के लिए शशिकला जिम्मेदार हैं'
पूर्व जस्टिस ए. अरुमुघस्वामी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि विशेषज्ञों की सिफारिश के बावजूद उन्हें इलाज के लिए विदेश नहीं ले जाने सहित कई चूकों के लिए वे (शशिकला) जिम्मेदार हैं. जयललिता के दिल में छिद्र था और एम्स के विशेषज्ञों और यूके के डॉ. रिचर्ड बीले ने विदेश में एंजियोग्राम और इलाज की सिफारिश की थी. हालांकि, पूर्व जस्टिस को लेकर वीके शशिकला के वकील ने कहा है कि वह उनकी किसी भी बात से सहमत नहीं हैं.
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